इटारसी। मेहरागांव नदी किनारे अवैध रूप से शराब बनाने के आरोप में कोर्ट ने आरोपी को एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मामला मई 2015 का है, जब मुखबिर की सूचना पर तत्कालीन आबकारी उपनिरीक्षक अमिताभ जैन ने कार्रवाई की थी।
जिला अभियोजन अधिकारी आरके खांडेगर ने बताया कि 13 मई 2015 को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि मेहरागांव नदी के किनारे अभियुक्त प्रताप कुचबंदिया तथा राकेश कुचबंदिया कच्ची मदिरा का अवैध रूप से निर्माण कर रहे हंै तथा शराब को अभियुक्त प्रताप के घर रखने की योजना बना रहे हैं। मुखबिर से सूचना के आधार पर आबकारी उपनिरीक्षक अमिताभ जैन द्वारा जांच करने पर उक्त आरोपियों के पास कच्ची मदिरा होना पाया गया। आरोपी के विरूद्ध धारा 34(2), 49(1)(क) मप्र आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपियों से जब्त मदिरा के सेम्पलों की जांच में पाया गया कि उक्त मदिरा मानवीय सेवन हेतु अनुपयुक्त है। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र संबंधित न्यायालय में पेश किया गया था।
न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती रितु वर्मा कटारिया नर्मदापुरम ने आरोपियों का विचारण किया। न्यायालय के समक्ष विचारण में अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष आए तथ्यों से आरोप प्रमाणित किया। न्यायालय ने आरोपीगण प्रताप कुचबंदिया एवं राकेश कुचबंदिया को 1-1 वर्ष का कठोर कारावास एवं 26000-26000 रूपये जुर्माने से दंडित किया। राजेन्द्र खाण्डेगर, जिला अभियोजन अधिकारी, नर्मदापुरम के मार्गदर्शन में शासन की ओर से पैरवी अरूण पठारिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी नर्मदापुरम ने की।