पिपरिया। अपर सत्र न्यायाधीश पिपरिया कैलाश प्रसाद मरकाम ने निर्णय पारित करते हुए नाबालिग पीडि़त बालिका के साथ अस्पताल परिसर बनखेड़ी में दुष्कर्म करने वाले अस्पताल के ड्राइवर संजू उर्फ शंभूदयाल ठाकुर तथा अस्पताल बनखेड़ी में पदस्थ भृत्य प्रहलाद धुर्वे को धारा 376 भादवि तथा 5/6 पॉक्सो एक्ट के मामले मे दोषी पाते हुए, धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। मामले में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पिपरिया चौधरी विक्रम सिंह ने की।
अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी, नर्मदापुरम लखन भवेदी ने बताया कि 29 अगस्त 2020 को पीडि़त बालिका के पिता ने पीडि़त बालिका के गुम होने के संबंध में थाना बनखेड़ी में रिपोर्ट लिखायी थी। पीडि़त बालिका के अगले दिन दस्तयाब होने पर पीडि़त बालिका ने यह बताया कि वह उसके दोस्त के साथ सरकारी अस्पताल बनखेड़ी गयी थी। सरकारी अस्पताल बनखेड़ी में उसका दोस्त उसे छोड़कर चला गया।
तभी वहां पर अस्पताल में काम करने वाला ड्राइवर आरोपी संजू ठाकुर आया एवं संजू ठाकुर ने पीडि़त बालिका को अस्पताल के पीछे वाले कमरे में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया था। इसके पश्चात पीडि़त बालिका जब अस्पताल से निकलकर बाहर गयी तब उसे रास्ते में अस्पताल का भृत्य प्रहलाद धुर्वे मिला था। प्रहलाद धुर्वे ने पीडि़त बालिका से कहा कि चलो घर चलकर खाना खा लेना एवं उसे साईकिल पर बैठाकर नर्मदापुरम कालोनी बनखेड़ी ं उसके निर्माणाधीन मकान में लेकर गया था जहां पर आरोपी प्रहलाद ने पीडि़त बालिका को खाना खिलाकर उसके साथ जबरस्ती गलत काम किया था।
उक्त मामले में पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था, इस प्रकरण में गवाही के दौरान पीडि़त बालिका अपने न्यायालयीन कथनों में पक्षद्रोही रही थी किंतु अभिलेख पर संलग्न डीएनए परीक्षण रिपोर्ट में पीडि़त बालिका की वैजाईनल स्लाईड पर अभियुक्त संजू का डीएनए मिलने पर तथा पीडि़त बालिका के अंतर वस्त्रों में अभियुक्त संजू ठाकुर तथा आरोपी प्रहलाद धुर्वे का डीएनए मिलने पर न्यायालय द्वारा उक्त दोनों को दुष्कर्म के आरोप में दोषी पाते हुए न्यायालय द्वारा सजा दी गयी।