22 साल फरार, 8 माह में मिली 5 वर्ष की सजा

Post by: Manju Thakur

इटारसी। करीब 23 वर्ष पुराने तलवारबाजी के एक मामले में मुख्य आरोपी को न्यायालय ने दो मामलों में तीन और पांच वर्ष की सजा सुनाई है। दो अन्य साथियों को पूर्व में ही कोर्ट बरी कर चुका है। घटना 23 सितंबर 1996 की है और मुख्य आरोपी 27 अगस्त 97 से 1 मार्च 2019 तक फरार रहा था। 8 माह 13 दिन में यह न्यायिक अभिरक्षा में रहा और इसी दौरान ट्रायल भी चली। न्यायिक अभिरक्षा के दौरान ही कोर्ट ने फैसला दिया है। उसे जेल भेज दिया है। दी गई सजा में से 8 माह 13 दिन की अवधि घटायी जाएगी।
अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि अपर सत्र न्यायालय इटारसी श्रीमती प्रीति सिंह की कोर्ट ने निर्णय पारित कर तलवार से हमला करने वाले आरोपी शकील मियां पिता ताज मोहम्मद 45 वर्ष, निवासी क्वार्टर नंबर 1171 टाइप-ए आर्डनेंस फैक्ट्री इटारसी को धारा 452 और 326 का दोषी पाते हुए तीन व पांच वर्ष की सजा और पांच-पांच सौ रुपए जुर्माना किया है।

ये था घटनाक्रम
23 सितंबर 1996 को गणेश उत्सव के समय गणपति की प्रतिमा बिठाने के दौरान ढोल नगाड़े और स्पीकर बजाने पर आरोपी शकील मिया ने आपत्ति करके झगड़ा किया। रात करीब 10 बजे कमल किशोर नामक युवक अपने घर में खाना खाकर टीवी देख रहा था कि आरोपी शकील तलवार लेकर उसके घर पहुंचा और कमल किशोर की पत्नी की तरफ बढ़ा। कमल किशोर ने रोका तो शकील ने उसके सिर पर तलवार मारी लेकिन वह बचा तो तलवार का वार नाक पर लगा जिससे नाक कटकर लटक गयी। वह घाव पर कपड़े लगाने के लिए घूमा तो शकील ने फिर तलवार से वार किया जिससे पीठ पर भी तलवार लगी। घटना के बाद शकील बाहर निकल गया। कमल को इलाज के लिए अस्पताल लाया जा रहा था तो रास्ते में आरोपी ने उसे रिपोर्ट करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने साक्षियों के कथन कराए।

ये मिली है सजा
– धारा 452 भादवि में 3 वर्ष सश्रम कारावास और पांच सौ रुपए अर्थदंड। अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास
– धारा 326 भादवि में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और पांच सौ रुपए अर्थदंड। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास।

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