सुर, लय और ताल की कसौटी पर परखे 22 प्रतिभागी

सुर, लय और ताल की कसौटी पर परखे 22 प्रतिभागी

  • मुख्य कार्यक्रम के लिए दस गायकों का होगा चयन
  • अप्रैल के अंत में संभावित है भूले बिसरे गीत कार्यक्रम

टारसी। नर्मदांचल म्यूजिक एकेडमी के तत्वावधान में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में होने वाले कार्यक्रम भूले-बिसरे गीत के लिए आज मेगा ऑडिशन में 22 प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी। संगीत क्षेत्र के दिग्गजों ने इन सभी के गायन को सुर, लय, ताल, भाव और कला की कसौटी पर परखा और अंक प्रदान किये। कवि भवानीप्रसाद मिश्र ऑडिटोरियम में शनिवार दोपहर से शाम तक चले कार्यक्रम में चयनित दस प्रतिभागियों को मुख्य समारोह में आर्केस्ट्रा पर गीत गाने का अवसर मिलेगा। पहले दो ऑडिशन में से चयनित बीस प्रतिभागियों के मध्य आज के मेगा ऑडिशन में मुकाबला हुआ।

कार्यक्रम में अतिथिगण नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पंकज चौरे, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष जयकिशोर चौधरी, कांग्रेस सेवादल के अवध पांडेय, नगर पालिका में सभापति राकेश जाधव, नरेन्द्र मिश्रा, पूज्य पंचायत सिंधी समाज के पूर्व अध्यक्ष अशोक ललवानी, वरिष्ठ पत्रकार सुश्री मंजू ठाकुर, गिरीश पटेल, अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष पं.अशोक शर्मा, वरिष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी राकेश पांडेय, वरिष्ठ नागरिक मंच से राजकुमार दुबे, विनोद वारसे सहित अनेक संगीत प्रेमियों ने गायकों की हौसला अफजायी की। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक जितेन्द्र ओझा ने किया। सफलता में अखिल दुबे, अनुराग दीवान, योगेश संजू पुरकर, रोहित नागे, राकेश दुबे, चंद्रेश मालवीय, शरद दीक्षित, धर्मेन्द्र रणसूरमा सहित अन्य सदस्यों ने योगदान दिया।

सभी बीस प्रतिभागियों की गायन कला को परखने के लिए निर्णायक के रूप में संगीत साधक गुरु बृजमोहन दीक्षित, आंखों में तेरा ही चेहरा फेम एन सदाशिवन सदू, गायक बसंत बतरा, संगीतज्ञ नवनीत तिवारी और गायक राजेन्द्र ठाकुर मौजूद रहे। सभी निर्णायकों ने अत्यंत बारीकी से सभी को परखने के बाद अंक दिये हैं। अंतिम दस में जो प्रतिभागी पहुंचे हैं उनके परिणाम बाद में घोषित किये जाएंगे।

निर्णायकों और गुरुओं का सम्मान

नर्मदांचल संगीत अकादमी की ओर से सभी संगीत गुरु पं. बृजमोहन दीक्षित, गीतकार और गायक सदाशिवन सदू, गायक बसंत बतरा, नवनीत तिवारी और राजेन्द्र ठाकुर का शॉल एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया गया।
ये बोले अतिथि…
शहर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इस तरह के मंच यदि उनको मिलें तो वे काफी आगे जाकर शहर का नाम रोशन कर सकते हैं। नर्मदांचल संगीत अकादमी को प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए साधुवाद।
पंकज चौरे, अध्यक्ष नगर पालिका
संगीत एक ऐसी विधा है, जो आपको तनाव से मुक्ति देकर तराताजा करती है। पुराने संगीत की बात ही निराली है। भूले बिसरे गीत कार्यक्रम के माध्यम से सुरीले गीतों को सुनकर मन प्रफुल्लित हो गया। नर्मदांचल संगीत अकादमी को बधाई।
जयकिशोर चौधरी, भाजपा नेता
इस तरह के कार्यक्रम प्रतिभाओं को आगे बढऩे के लिए बेहतर अवसर होते हैं। जो यहां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं, संगीत के गुरुओं से मिलने वाले ज्ञान को आत्मसात करेंगे तो आगे बढऩे में उनको मदद मिलेगी, सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं।
राकेश जाधव, सभापति नगर पालिका
यह एक अनूठा प्रयास है, और ऐसे प्रयास शहर में होते रहना चाहिए। नर्मदांचल संगीत अकादमी ने प्रतिभाओं को जो मंच प्रदान किया है, वह सराहनीय प्रयास है, इससे बच्चों को आगे आने का अवसर मिलेगा।
अवध पांडेय, वरिष्ठ कांग्रेस नेता

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AUTHORRohit

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