नर्मदापुरम मदन शर्मा। प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनियों ने बहुत शोध, समझ और अनुभव के बाद यह जाना कि किस तरह प्रत्येक ग्रह और नक्षत्र का प्रभाव प्रत्येक मनुष्य पर पड़ता हैं। सिर्फ ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव ही नहीं हमारे आसपास की प्रकृति और वातावरण से भी हमारे जीवन में उथल पुथल हो सकती है।
उक्त सभी बातों को गहराई से समझने के बाद ही वास्तु अनुसार घरों का निर्माण होने लगा। योग और आयुर्वेद का सहारा लिया जाने लगा। नक्षत्रों की चाल समझकर मौसम का हाल जाना जाने लगा। अब ग्रहों के दुष्प्रवाव से बचने के अन्य उपाय भी ढूंढे जाने लगे। जिसमें से एक उपाए, माखननगर के ग्राम गूजरवाडा में बन रहीं नक्षत्र वाटिका भी हैं।
27 नक्षत्र, 12 राशि और 9 ग्रहों की जानकारी देने के साथ ही कई तरह की जानकारी देने वाली इस ‘नक्षत्र वाटिका’ का जल्द ही शुभारम्भ होगा। यह बनकर तैयार है और अंतिम चरणों का काम जारी हैं। जिसमें बारिश के दौरान पौधे रोपे जायगे। नक्षत्र वाटिका करीब एक एकड़ भूमि में बनाई जा रही है। जिस पर करीब 8 लाख 44 हजार रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
वाटिका को आध्यात्मिक रूप से तैयार किया जा रहा है। जिसमें 27 नक्षत्र के पौधे, 12 राशियों के पौधे, 9 ग्रहों के पौधे जो ग्रह नक्षत्र के पूजनपाठ के काम आते हैं, वे सभी रोपे जायगे। इसके अलावा औषधीय महत्व के पौधे भी लगाए जाएंगे।
नक्षत्र वाटिका बनाने का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण को बचाकर सभी के लिए आध्यात्मिक क्षेत्र विकसित करना है, जो संस्कृति एवं पर्यटन दोनों को जोड़ सकेगा।
धार्मिंक ग्रंथो और पुराणों में उल्लेख
वनवास काल में भगवान राम की पंचवटी का उल्लेख भी ग्रंथों में मिलता है। शास्त्रों में वृक्षों के बारे में कहा गया है कि एको वृक्षों दशपुत्र समो भवेत अर्थात एक वृक्ष दस पुत्रों के समान होता है। पुत्र से तो कभी निराशा भी हो जाती है, लेकिन वृक्षों से कभी निराशा नहीं हो सकती। विष्णु पुराण और पदम् पुराण में तो पेड़ पौधों में जीवन माना गया है।
नक्षत्रों के हिसाब से लगाए जाएंगे ये पौधे
अश्विनी : केला, आक, धतूरा
भरणी : केला, आंवला
कृत्तिका : गूलर
रोहिणी और पूर्वाषाढ़ा : जामुन
मृगशिरा : खैर
आद्र्रा : आम, बेल
पुनर्वसु : बांस – पुष्य : पीपल
आशलेषा : नाग केसर, चंदन
मघा : बरगद
पूर्वाफाल्गुनी : ढाक
उत्तराफाल्गुनी : पाकड़
हस्त और ज्येष्ठा : रीठा
चित्रा : बेलवृक्ष
स्वाति : अर्जुन
विशाखा : नीम
अनुराधा : मौलसिरी
मूल : राल
उत्तराषाढ़ा : कटहल
श्रवण : आक
धनिष्ठा : शमी, सेमर
शतभिषा : कदम्ब
पूर्वाभाद्रपद : आम
उत्तराभाद्रपद : सोनपाठा
रेवती : महुआ
राशियों के मुताबिक लगेंगे ये पेड़-पौधे
मेष और वृश्चिक : खैर, वृष और तुला : गूलर, मिथुन : आपमार्ग, कर्क : पलाश, सिंह : आक, कन्या : आपामार्ग, धनु और मीन : पीपल, मकर और कुंभ : शमी का पौधा लगाया जाएगा।
इसके अलावा ग्रहों के अनुसार सोम : पलाश, मंगल : खैर, बुध : आपमार्ग, वृहस्पति : पीपल, शुक्र और सूर्य : गूलर, शनि : शमी, राहू : दूर्वा और केतु के लिए कुश का पौधा लगाया जाएगा।
इनका कहना है…
माखननगर के गूजरवाड़ा में नक्षत्र वाटिका लगभग बनकर तैयार हैं। जिसमें पौधे बारिश के दौरान रोपे जायेंगे। काम तेजी से चल रहा है। अगले कुछ महीने में ही नक्षत्र वाटिका बनकर तैयार हो जाएगी। जिसका लोग अवलोकन कर सकेंगे।
संजीव डाबर , सीइओ जनपद पंचायत माखननगर