आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत मील का पत्थर साबित होगा परिवहन विभाग का कदम
परिवहन मंत्री के निर्देश पर अब 11 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में होगी शुरुआत
भोपाल। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश (self-reliant Madhya Pradesh) के अंतर्गत परिवहन विभाग मध्यप्रदेश ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 11 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों के अंतर्गत लगभग 300 महिलाओं को निःशुल्क वाहन प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। माह जनवरी-फरवरी 2021 में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान इन्दौर (Industrial Training Institute Indore) के साथ मिलकर, परिवहन विभाग ने लगभग 200 महिलाओं को न सिर्फ हल्के वाहन चलाने के लिये निःशुल्क प्रशिक्षण दिया था, बल्कि उनमें से कई प्रशिक्षार्थीयों को योग्यता अनुसार नौकरी पाने में भी मदद की थी। इस पहल की सफलता को देखकर प्रदेश के परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत द्वारा 16 मार्च को परिवहन अधिकारियों की बैठक में इस योजना को विकसित रूप देने के निर्देश दिये गये थे। इस पर अमल करते हुए परिवहन विभाग ने यह तैयारी की है।
इस सम्बंध में परिवहन आयुक्त मुकेश जैन (Transport Commissioner Mukesh Jain) ने बताया है कि इन्दौर के अतिरिक्त यह प्रशिक्षण भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा, सागर, खण्डवा, धार, झाबुआ तथा उमरिया में भी दिया जायेगा। संबंधित परिवहन अधिकारियों द्वारा इस संबंध में कार्रवाई करते हुए आवेदन पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है। परिवहन आयुक्त जैन (Transport Commissioner Jain) ने इन सभी परिवहन अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर यह निर्देशित किया है कि इस योजना का लाभ उन महिलाओं को पहुँचना चाहिये, जो वास्तव में जरूरतमंद हो। कोविड-19 से प्रभावित परिवार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आवेदकों को चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाये। परिवहन आयुक्त ने इन जिलों के कलेक्टर्स को पत्र लिखकर चयन समिति में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को नामांकित करने के लिए लिखा है, ताकि चयन प्रक्रिया पारदर्शी हो।
200 घंटे का होता है यह प्रशिक्षण
गौरतलब है कि लाइट मोटर व्हीकल (light motor vehicle) का यह प्रशिक्षण लगभग 200 घन्टे का होता है, जिसमें थ्योरी एवं प्रेक्टिकल, दोनों पर ध्यान दिया जाता है। यह प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को ड्राईविंग लाइसेंस लेने के लिए पृथक से किसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं होती है।
सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की भागीदारी
परिवहन विभाग इस पहल से न सिर्फ इन बहनों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्राप्त होगा, बल्कि सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की अधिक उपस्थिति से महिला सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।