नर्मदापुरम। न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम श्रीमती रितु वर्मा कटारिया (Court Chief Judicial Magistrate Narmadapuram Mrs. Ritu Verma Kataria) ने अपने निर्णय में तेंदुआ के शिकार करने वाले दो आरोपियों को पांच-पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 50-50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि 04 फरवरी 2022 को मप्र टाईगर स्ट्राईक फोर्स की टीम को मुखबिर से आरोपियों द्वारा वन्यप्राणी तेंदुए एवं अन्य वन्यप्राणियों के अवयवों के अवैध व्यापार की सूचना मिली थी।
टीम ने भोपाल-सिरोंज मार्ग पर ग्राम भरनाखेड़ा, तहसील-सिरोंज, जिला-विदिशा में जाकर नाकाबंदी कर आरोपी बांगरूनाथ एवं मोहरसिंह नाथ को मोटर साईकिल से आते हुए देखा। उन्हें रोककर उनकी तलाशी लेने पर आरोपी बांगरूनाथ के पास से प्लास्टिक की बोरी में तेंदुए की खाल, लोहे का चाकू और उसकी पेंट की जेब से एक तेंदुए का कटा हुआ पंजा मिला था।
दूसरे आरोपी मोहर सिंह की तलाशी लेने पर उसकी जेब से 04 नग जंगली सुअर के दांत, 02 नग तेंदुए के कटे हुए पंजे मिले थे। विवेचना के दौरान बांगरूनाथ की निशादेही पर उसके घर के बाड़े से 28 नग सेही के कांटे, 04 नग मांस के टुकड़े, शिकार में प्रयुक्त लेग होल्डर 02 नग, बल्लम, सव्वल जब्त किये थे और बांगरूनाथ की निशादेही पर तेंदुए का खाल विहीन शव जो उसने जंगल में गाड़ दिया था, जब्त किया था। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
न्यायालय श्रीमती रितु वर्मा कटारिया, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम ने आज अपने निर्णय में आरोपी बांगरूनाथ एवं मोहर सिंह को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9/51, 44, 49, 48ए में दोषी पाते हुए 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 50-50 हजाुर रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अरुण कुमार पठारिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला नर्मदापुरम ने सशक्त पैरवी की।