काका ससुर को चाकू मारने वाले आरोपी को 5 साल की सजा एवं जुर्माना

Post by: Rohit Nage

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20 years rigorous imprisonment to the accused who seduced and raped a minor

इटारसी। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश इटारसी (Third Additional Sessions Judge Itarsi) सुशीला वर्मा (Sushila Verma) की अदालत ने लोहांगी मोहल्ला जिला विदिशा (Vidisha) निवासी संजय बिसोपिया (Sanjay Bisopia) उम्र 35 साल को अपने ही काका ससुर को चाकू मारकर पेट में गंभीर रूप से चोट पहुंचाने का दोषी पाते हुए आरोपी को धारा 326 भारतीय दंड विधान में पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है तथा एक हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया है।

अर्थ दंड अदा नही करने पर आरोपी को छह माह का अतिरिक्त साश्रम कारावास और भुगतना पड़ेगा। सजा की अवधि में आरोपी की न्यायिक अभिरक्षा को भी शामिल किया जाकर समायोजित किया जावे।

अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला (Additional Public Prosecutor Rajeev Shukla) इटारसी ने बताया कि 29 मार्च 2021 को दोपहर में 3.30 बजे फरियादी गीता बेलिया ( (Geeta Bellia)) ने थाना इटारसी में रिपोर्अ दर्ज कराई थी कि इटारसी के सोनसांवरी नाके के पास उसका दामाद संजय विसोपिया जो कि आहत लक्ष्मण के बड़े भाई के घर में रहता है, वह अपनी पत्नी आरती को घर के सामने खूब मारपीट कर रहा था, तो मेरा पति लक्ष्मण उसकी भतीजी आरती को बचाने गया था। आरोपी संजय ने उसे मां बहन की गालियां देते हुए कहा कि तू मत बोल तो लक्ष्मण ने उसे गाली देने से मना किया तो उसने अपने पास रखा हुआ चाकू निकालकर उसे लक्ष्मण को पेट पर मारा जिससे पेट से खून निकलने लगा।

उसने कहा कि तू अगर मेरी रिपोर्ट दर्ज कराएगा तो मं तुमको जान से मार डालूंगा। चोट लग जाने से मेरा पति वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा था। फरियादी गीता बेलिया की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए अपराध 261/21 दर्ज कर धारा 294/326/506 भादवि का प्रकरण विवेचना में लिया था। इस प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला एवं एजीपी भूरसिंह भदौरिया ने कोर्ट में दस गवाहों को परीक्षित कराया था। बचाव पक्ष ने एक गवाह कोर्ट में उतारा था। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपी का यह कृत्य एक व्यक्ति की जान भी ले सकता था। इसलिए दंड के लिए उदार रुख नहीं अपनाया जा सकता है क्योंकि पीडि़त व्यक्ति को उसके मार्मिक अंग पेट में गंभीर रूप से चोट मारी गई है।

अभियोजन पक्ष से भी अधिक सजा देने का निवेदन किया गया था। आरोपी संजय इस केस में पूर्व से जमानत पर था लेकिन वह कोर्ट में हाजिर नहीं होता था। इसलिए उसके विरूद्ध वारंट जारी किया गया था। आरोपी दिनों 12 अगस्त 2024 से न्यायिक अभिरक्षा में ही रहा है, उसे फैसले के समय जेल से ही इटारसी कोर्ट में हाजिर किया गया था। आरोपी को सजा वारंट से सजा भुगतने हेतु सेंट्रल जेल नर्मदापुरम भेज दिया गया है।

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