
ग्राम पंचायत भट्टी के सचिव एवं सरपंच को 5 वर्ष का सश्रम कारावास
इटारसी। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश इटारसी की अदालत ने ग्राम पंचायत भट्टी के तत्कालीन सरपंच संजय उइके पिता स्व. बच्चू लाल उईके उम्र 44 वर्ष निवासी मालवीय कॉलोनी पथरोटा एवं पंचायत सचिव रामस्वरूप चिमानिया पिता श्री राम चिमानिया उम्र 57 वर्ष निवासी पटेल मोहल्ला ग्राम भट्टी को आपराधिक न्याय भंग की धारा 409 भारतीय दंड विधान में दोषी पाते हुए पांच 5 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है, अर्थदंड अदा नहीं करने पर दोनों आरोपी को तीन-तीन माह का सश्रम कारावास और भोगना होगा।
अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि आरोपी गण द्वारा 22 जून 2006 से 22 अगस्त 2006 के मध्य निर्माण कार्य की शासकीय राशि को विड्राल फार्म पर संयुक्त हस्ताक्षर करके 40000 आहरित कर लिए थे, और निर्माण कार्य नहीं कराया था। शिकायत होने पर आरोपियों के विरुद्ध विभागीय स्तर से जांच प्रस्तावित की गई थी, जिसमें ऑडिट रिपोर्ट एवं कार्यों के मूल्यांकन के संपूर्ण प्रतिवेदन में विभिन्न मदों में अनियमितता पाई गई थी एवं उक्त 40000 की राशि आहरित कर आपराधिक न्यास भंग किया जाना पाया गया था।
इस संबंध में तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने आरोपियों के विरोध चार्ज शीट बनाकर ग्राम पंचायत भट्टी में गबन करने वाले दोनों आरोपी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश जनपद पंचायत केसला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए थे, आरोपी गण के विरुद्ध संपूर्ण जांच पश्चात 17 अप्रैल 2007 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। न्यायालय में आरोपियों के विरोध प्रकरण का विचारण किया जाकर दोनों आरोपी को न्यायालय ने आपराधिक न्याय भंग किए जाने का दोषी पाते हुए यह लिखा है कि आरोपीगण के उपरोक्त कृत्य को देखते हुए न्यूनतम दंड से दंडित किया जाना उचित नहीं है, अत: एवं यह न्यायालय दोनों आरोपी को धारा 409 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 के अर्थदंड से दंडित किया जाना उचित मानती है। दोनों आरोपी को न्यायालय में निर्णय के समय उपस्थित थे, जिन्हें जेल वारंट से केंद्रीय जेल होशंगाबाद भेज दिया है।
यहां उल्लेखनीय है कि आरोपी संजय ठाकुर पथरोटा थाना अंतर्गत कुछ दिनों पूर्व गांजे के प्रकरण में भी गिरफ्तार हुआ था जो कुछ दिनों पूर्व ही जमानत पर छूट कर आया था और आज इस प्रकरण में उसे सजा भुगतने हेतू जेल भेज दिया है। इस संपूर्ण प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी एजीपी राजीव शुक्ला एवं भूरे सिंह भदौरिया के द्वारा की गई थी।