इटारसी। द्वितीय सत्र न्यायाधीश कुमारी सविता जडिया की अदालत ने जमानी रोड दीवान हाउस के सामने पुरानी इटारसी के निवासी मनमोहन उर्फ मोनू कुशवाहा पिता सुरेंद्र चंद कुशवाहा उम्र 28 वर्ष को उसकी पत्नी की दहेज मृत्यु के आरोप में दोषी पाते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 304 बी के तहत 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर 3 माह का सश्रम कारावास और भागना होगा। साथ ही धारा 498 ए दहेज की मांग के आरोप में दोषी पाते हुए 2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर 15 दिन का अतिरिक्त सश्रम कारावास और भुगताया जाएगा। आरोपी मनमोहन की दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। निर्णय के समय आरोपी व्हीसी से उपस्थित था।
एजीपी राजीव शुक्ला ने बताया कि आरोपी मनमोहन 22 जनवरी 19 से 27 जुलाई 2021 तक न्यायिक अभिरक्षा में रहा है, इस प्रकार कुल 2 वर्ष 6 माह 5 दिन की अभियुक्त की निरोध की अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा। मनमोहन एवं उसकी मां कमला बाई कुशवाहा के विरुद्ध यह आरोप था कि उनकी बहु किरण बाई जिसका विवाह मनमोहन से 26 मार्च 17 को हुआ था और विवाह के लगभग 2 वर्ष पश्चात ही दहेज की मांग को लेकर उसके साथ मारपीट करने और उसे परेशान करने से प्रताडि़त होकर किरण ने अपनी ससुराल में 5 जनवरी 2019 को दिन के 11 बजे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मनमोहन और उसकी मां के विरुद्ध दहेज मांगने एवं दहेज मृत्यु का अपराध थाना इटारसी में पंजीबद्ध किया था, जिसकी विवेचना पश्चात विचारण द्वितीय अपर सत्र न्यायालय इटारसी में किया। जहां एजीपी राजीव शुक्ला एवं एजीपी भूरे सिंह भदोरिया ने 12 साथियों का परीक्षण न्यायालय में कराया था।
न्यायालय ने संपूर्ण साक्षी का विश्लेषण करते हुए अपने निर्णय में लिखा है कि मनमोहन किरण का पति था और उसे अच्छे से रखना उसका दायित्व था। गर्भवती होते हुए भी किरण ने अपने विवाह के 7 वर्ष के भीतर फांसी लगा ली थी जो कि दहेज मृत्यु की श्रेणी में आती है। आरोपी पर यह भी आरोप था कि मनमोहन शराब पीकर उसे दहेज की मांग को लेकर लगातार प्रताडि़त करता रहा था। न्यायालय ने आरोपी की मां कमला बाई को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोप से दोषमुक्त कर दिया है। आरोपी 22 जनवरी 19 से जेल में बंद है, अत: उसका सजा वारंट तैयार कर आगे की सजा भोगने हेतु जिला जेल होशंगाबाद आदेशित किया है। इस प्रकरण में संपूर्ण पैरवी शासन की ओर से वरिष्ठ एजीपी राजीव शुक्ला एवं एजीपी भूरे सिंह भदोरिया ने संयुक्त रूप से की थी।
दहेज मृत्यु के आरोपी को 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड


Rohit Nage
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