जीवन मूल्यों से अवगत कराता है श्रीराम अवतार
इटारसी। संसार सागर में आने वाले समस्त जनमानसों को उनके मानव मूल्यों से अवगत करान परमात्मा श्रीहरि ने त्रेतायुग में श्रीरामरूपी मानस अवतार धारण किया। उक्त उद्गार प्रयागराज के युवा आाचार्य पंडित अतुल द्विवेदी ने ग्राम पथरौटा में आयोजित श्रीराम कथा समारोह में व्यक्त किये।
श्रीराम मंदिर समिति द्वारा राम मंदिर प्रांगण में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा समारोह के तृतीय दिवस में आचार्य अतुल द्विवेदी ने श्रीराम जन्म प्रसंग का सुन्दर सांसारिक वर्णन करते हुए कहा कि मानव जीवन में हमारी क्या जिम्मेदारी है, हमारे सामाजिक और पारिवारिक संस्कार कैसे होना चाहिए। गुरू और माता पिता का सम्मान कैसे किया जाना चाहिए, पति-पत्नी व भाईयों के बीच किस प्रकार सामांजस्य होना चाहिए। राज्य व राष्ट्र की सुरक्षा और उसके मानव विकास में हम सबकी भूमिका किस प्रकार होनी चाहिए। इन सब बातों का आधारपूर्ण ज्ञान प्रदान करने के लिए ही भगवान श्रीहरि ने श्रीराम के रूप में मानस अवतार धारण किया। जिसका संपूर्ण लिखित ज्ञान हम सबको श्रीरामचरितमानस में प्राप्त होता है। तृतीय दिवस में कथा प्रसंग के साथ भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर आचार्य श्री द्विवेदी और उनकी संगीत समिति ने अनेक मधुर भजनों की बधाईपूर्ण प्रस्तुति प्रदान कर उपस्थित भक्त श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।