मदन शर्मा, नर्मदापुरम। कहते हैं, सपने वो नहीं होते हैं जो सोते वक्त आते, बल्कि सपने वो होते हैं जो जागते हुए देखे जाते हैं और उनको साबित करने के लिए नींद उड़ जाती है। विदिशा की ज्योति ने भी एक सपना देखा था, जो जब तक पूरा नहीं किया, उनकी नींद उड़ी रही। अब उनका यह सपना सच भी हो गया है।
होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) में ब्याही ज्योति के ससुराल पक्ष ने उसका सपना पूरा कराने में भरपूर योगदान दिया है। ज्योति का बचपन से सपना था वह मेकअप आर्टिस्ट बने। इसी सपने को लेकर वे वर्षों से इसे पूरा होने का इंतजार करती रही। ग्रेज्युएशन के बाद पोस्ट ग्रेज्युएशन योग साइंस में किया। शादी के बाद भी सपना पूरा करने का जुनून सवार था। ससुराल में पति रितुराज उपाध्याय और ज्येष्ठ आशीष उपाध्याय को सपने की जानकारी मिली तो उन्होंने न केवल प्रोत्साहित किया, बल्कि उनके सहयोग के चलते छह वर्ष की बेटी होने के बावजूद सपने को पूरी शिद्दत से पूरा किया।
ज्योति ने मां काली की झांकी को सजाया है। मां काली के साथ भगवान शंकर की झांकी सजाकर अपने मेकअप आर्टिस्ट रूपी कला को उभारा है। ज्योति की इस कला के कायल होशंगाबाद के तहसीलदार भी हो गये। उन्होंने इस जीवित झांकी के साथ तस्वीरें भी निकलवायीं और ज्योति को प्रोत्साहित भी किया है। ज्योति ने साबित कर दिया है कि
सपनों में गर श्रद्धा हो तो सपने भी सच हो जाएंगे।
सपनों में गर श्रद्धा हो तो तो सपने भी सच हो जाएंगे


Rohit Nage
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