रैकिंग में अव्वल आने हर वर्ग से सहयोग की दरकार

स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के लिए प्रभावी कार्य करने बैठक में बनी योजना
इटारसी। केंद्र सरकार ने स्वच्छता सेवाओं में सुधार के लिए बुनियादी ढांचागत विकास और उनके टिकाऊपन, परिणाम, इससे नागरिकों का जुड़ाव तथा जमीनी स्तर पर नजर आने वाले प्रभावों के आधार पर देश के सभी 4041 शहरों और कस्बों की स्वच्छता रैंकिंग के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 लागू किया है। इसमें आमजन की भी भागीदारी होगी। स्वच्छता एम्बेसडर बनेंगे, कोचिंग संस्थान, स्वयंसेवी संस्थाएं, सामाजिक संस्थाएं, क्षेत्र में कार्यरत स्वसहायता समूह, कला, खेल, व्यापार, साहित्य, पत्रकारिता, समाजसेवा और पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे नागरिक और संस्थाएं इसमें अपनी भागीदारी कर सकते हैं।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के लिए आज नगर पालिका में स्वास्थ्य सभापति राकेश जाधव की अध्यक्षता में विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की एक बैठक में आगे काम करने की योजना पर विचार किया। बैठक में स्वास्थ्य अधिकारी एसके तिवारी, स्वच्छता निरीक्षक आरके तिवारी सहित विभाग के कर्मचारी भी मौजूद थे।

स्वच्छता स्कूल समिति बनेगी
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में स्कूलों को भी शामिल किया जा रहा है। इसके तहत शहर के सभी स्कूलों में स्कूल स्वच्छता समिति का गठन होगा। समिति गठन के लिए सभी स्कूलों को नगर पालिका की तरफ से एक मार्गदर्शिका प्रदान की जाएगी। समिति में दो शिक्षक शामिल रहेंगे जिसमें एक पुरुष और एक महिला, इसी तरह से चार विद्यार्थी, दो छात्र, दो छात्राएं, दो अभिभावक/पालक सदस्य रहेंगे। समिति एक वर्ष तक स्वच्छता सेवा के लिए काम करेंगी जिनकी बैठक प्रतिमाह होगी। ये स्कूल में स्थित पानी की टंकी, कक्षा की सफाई, शौचालय का सही उपयोग हो रहा है या नहीं जैसे सफाई के कामों की निगरानी रखेगी और व्यवस्थित सफाई हो, यह सुनिश्चित करेगी। जल्द ही नगर पालिका की टीम स्कूलों में पहुंचकर इस योजना की जानकारी प्रदान करेगी।

स्वच्छता एप्लीकेशन बनेगी सहायक
आपके घर के आसपास गंदगी है या कई दिनों से सफाई नहीं हुई तो परेशान न हों। सिर्फ एक मोबाइल ऐप के इस्तेमाल से गंदगी दूर होगी। इस मोबाइल ऐप का नाम है स्वच्छता एप। आपको सिर्फ गंदगी की फोटो खींचकर स्वच्छता ऐप में अपलोड करानी होगी। फोटो सिस्टम में पहुंच जाएगी, जहां से चंद घंटों के अंदर सफाई हो जाएगी। ऐप की विशेषता यह है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र से गंदगी या जलभराव की फोटो खींचकर शिकायत दर्ज करा सकता है। स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं और आम नागरिक भी अपने मोबाइल में इस स्वच्छता एप्स को डाउनलोड करके इस सफाई अभियान से जुड़ सकता है। सभापति श्री जाधव ने बताया कि मेरा शहर, मेरा परिवार की भावना से हम अपने शहर को सर्वेक्षण में अव्वल लाने में मदद कर सकते हैं।

क्या है स्वच्छता सर्वेक्षण 2018
देशभर में पहली बार कराये जा रहे इस सर्वेक्षण के तहत सभी शहरों और कस्बों में लगभग 40 करोड़ लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले स्वच्छता के स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा और विश्व में इस प्रकार का यह सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। स्वच्छता की प्रगति का मूल्यांकन करने में नागरिकों की भागीदारी की आवश्यकता को ध्यान रख कर जमीनी स्तर पर परिणाम हासिल किये जायेंगे। हाल के सर्वेक्षण में शौचालयों में जलापूर्ति की उपलब्धता, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की परिचालन और प्रबंधन राशि तथा उपभोग शुल्क (यूजर चार्ज) के जरिये एसडब्ल्यूएम बुनियादी ढांचे, विज्ञापन से मिलने वाला राजस्व, नगरपालिका कर आदि की रिकवरी का मूल्यांकन किया जाएगा। इस बार के सर्वेक्षण में सभी मानदंडों के संदर्भ में निगेटिव अंक का भी प्रावधान है। इसके तहत अगर शहर की सरकारों द्वारा किए दावे स्वतंत्र आकलनकर्ताओं द्वारा गलत पाए गए तो ऐसे मानदंडों के संदर्भ में 0 अंक के अलावा उन्हें 35 निगेटिव अंक दिए जाएंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के अंतर्गत 4041 शहरों और कस्बों को कवर किया जाएगा तथा इसके परिणाम अगले वर्ष मार्च में घोषित किए जायेंगे। इसके लिए अन्य 500 शहरों और कस्बों की राष्ट्रीय रैंकिंग के अलावा 3541 कस्बों, राज्य और क्षेत्रीय रैंकिंग की भी घोषणा की जाएगी।

इनका कहना है…!

स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में शहर को अव्वल लाने के लिए हम सबका दायित्व है कि अपनी भागीदारी निभाएं। इसमें आमजन सहित शहर के प्रत्येक वर्ग यदि अपनी भूमिका अदा करेगा तो अपने शहर को अव्वल आने से कोई रोक नहीं सकता है। हमारा अनुरोध है कि सब साथ आएं, अपने शहर के लिए सामूहिक प्रयास करें ताकि हम अपने शहर पर गर्व कर सकें।
सुधा राजेन्द्र अग्रवाल, अध्यक्ष नपा

सभी नागरिकों के सहयोग से हम अपने शहर को इस सर्वेक्षण में अव्वल स्थान दिला सकते हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधि उपलब्ध संसाधनों से काम कर रहे हैं। आमजन की भागीदारी से ही हम इसमें बेहतर प्रदर्शन करके अपने शहर को अव्वल दर्जा दिला सकते हैं, हमारी गुजारिश है, कि इसमें आमजन भी भागीदारी निभाए।
राकेश जाधव, स्वास्थ्य समिति सभापति

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