अब नए रूप में नज़र आएंगे स्वच्छता दूत

इटारसी। शहर की सफाई व्यवस्था में उस वक्त फिक्र से जुट जाने वाले स्वच्छता दूतों को आज वर्दी और सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जो आपके जागने से पहले कर्तव्य पर पहुंच जाते हैं। वर्दी और उपकरण धारण करके ये नए रूप में नजर आएंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के अंतर्गत सुबह ओवरब्रिज के नीचे स्वच्छता विभाग की सबसे महत्वपूर्ण इकाई स्वच्छता दूतों को सफाई उपकरण और वर्दी दी गई। कार्यक्रम में मुख्य नगर पालिका अधिकारी अक्षत बुंदेला, स्वास्थ्य समिति के सभापति राकेश जाधव, स्वास्थ्य अधिकारी एसके तिवारी, स्वच्छता निरीक्षक आरके तिवारी, स्वच्छता सर्वेक्षण के ब्रांड एम्बेसडर जयकिशोर चौधरी, कन्हैया गुरयानी, पार्थ राजपूत सहित सफाई कर्मचारी मौजूद थे।
इस अवसर पर सीएमओ श्री बुंदेला ने कहा कि सफाई के लिए सुरक्षा उपकरण और वर्दी मिलने से न सिर्फ स्वच्छता दूत सुरक्षित होकर अपना काम कर सकेंगे बल्कि उनकी यह पहचान भी बनेगी और ये पहले से भी अधिक बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे। सभापति राकेश जाधव ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के अंतर्गत स्वच्छता के लिए ब्रांड एम्बेसडर बनाए जा रहे हैं जो इस अभियान में सहयोग प्रदान करेंगे। अभी तक जयकिशोर चौधरी, कन्हैया गुरयानी, राजकुमार दुबे, रोहित नागे, पार्थ राजपूत एम्बेसडर बनाए जा चुके हैं, अभी और भी नियुक्ति होना है। उपस्थित अतिथियों ने स्वच्छता दूतों को दास्ताने, गमबूट, मास्क, फ्लोरोसेंट जैकेट प्रदान किए। कार्यक्रम में मौजूद पिछले दो दशक से सफाई अमले में शामिल किशन वीरपाल ने कहा कि अच्छी सुविधा मिल रही है। इससे हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा हो सकेगी और हम धूल, गंदगी से बचे रह सकेंगे।

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एप्स डाउनलोड करना जारी
स्वच्छता सर्वेक्षण 2918 के अंतर्गत शासकीय गल्र्स कालेज की छात्राओं से उनके मोबाइल पर स्वच्छता एप डाउनलोड कराए। एप डाउनलोड कराने अमित चौरे, नीता साहू, पीहू पालीवाल, प्रीतम जोठे, संगम महाला की टीम पहुंची। उन्होंने यहां के प्रोफेसर्स और विद्यार्थियों को बताया कि शहर में जहां कहीं भी गंदगी दिखे तो उसका फोटो खींचकर इस एप्स में भेजें जिससे उक्त क्षेत्र की सफाई तत्काल करायी जा सके।
सेमी ऑडिट भी जारी
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के अंतर्गत शहर में सेमी आडिट भी चल रहा है। नई दिल्ली से आयी चार सदस्यीय टीम भी शहर में अपनी योजना अनुसार विभिन्न गतिविधि के माध्यम से शहर की सफाई व्यवस्था को जांच रही है। टीम के सदस्य स्कूलों में भी पहुंच रहे हैं तो जहां कचरा डंप होता है वहां भी देख रहे हैं और वाकई डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन हो रहा है या नहीं, यह भी देखा जा रहा है। वे पब्लिक से भी फीडबैक ले रहे हैं और कागजी कार्रवाई कैसे होना है, इसकी जानकारी भी दे रहे हैं।

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