मां की हत्या कर पीथमपुर जाकर मजदूरी करने लगा था आनंद

इटारसी। करीब चार दिन पूर्व डोबी तालपुरा में हुयी महिला संगीता उइके की हत्या के मामले का उसका सोतेला पुत्र आनंद पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। उसने सौतेली मां संगीता और पिता संजय उईके पर हमला किया था जिसमें मां की मौत हो गई थी। पिता का उपचार भोपाल में चल रहा है।
आज एसडीओपी अनिल शर्मा ने मामले का खुलासा किया। बताया कि घटना वाले दिन आनंद का छोटा भाई अमित बाई से दूध लेने गया था, जो बाइक से गिर गया था। धर लौटा तो संगीता और संजय ने उसे यह कहकर डांटा कि ठीक से गाड़ी नहीं चलाते हो। आनंद को बात बुरी लगी और उसने उसी वक्त संगीता को मारने की ठान ली। रात डेढ़ बजे जब छोटा भाई अमित और बहन रक्षा सो गए तो संजय और संगीता बाहर बाड़े में पीपल के पेड़ के नीचे बिस्तर लगाकर सो रहे थे, उसी वक्त आनंद अपने कमरे से बाहर आया और पास रखी गेंती से संगीता के सिर पर जोर से प्रहार कर दिया। उसके सिर में गंभीर चोट आयी। इस बीच संजय ने बीच-बचाव का प्रयास किया तो उसे भी गेंती से मारा। संजय के हाथ, गले, सीने और पेट में चोट है। संगीता की अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई तथा संजय को भोपाल भेजा गया जहां उसका उपचार चल रहा है।
होता रहता था झगड़ा
संजय उईके 45 निवासी तालपुरा ने दो वर्ष पूर्व अपनी पहली पत्नी सोमवती के साथ संगीता को भी पत्नी बनाकर रखा था। इस पर आए दिन संजय, संगीता और सोमवती का झगड़ा होता रहता था। सोमवती और संजय के तीन बच्चे आनंद, रक्षा और अमित हैं। संजय और संगीता के कोई बच्चे नहीं हैं। संगीता अपने सौतेले बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती थी। यह बात आनंद को पसंद नहीं थी। उनमें अक्सर झगड़ा होता रहता था। आरोपी का कहना है कि हमेशा झगड़ा होते रहने और उसकी सगी मां सोमवती को भी उसकी सौतेली मां ने मारपीट करके भगा दिया था। इसलिए उसने इस घटना कां अंजाम दिया था। गेंती उसने घर के पीछे बेर के पेड़ के नीचे धान की प्याल में छिपाकर रखी थी। पुलिस ने वारदात के वक्त पहने कपड़े भी जब्त किए हैं।
इन्होंने की खुलासे में मेहनत
अपनी सौतेली मां की हत्या के बाद आनंद फरार हो गया था। एसपी ने उसे गिरफ्तार करने टीम गठित की जिसमें एसडीओपी ने थाना प्रभारी प्रज्ञा शर्मा के नेतृत्व में एएसआई भोजराज बरवड़े, एएसआई साहबलाल सरोद, सुशील कुशवाह, आरक्षक अशोक चौहान, संजय चौरे, तुलसीराम विन्डैया, गुड्डू उईके, प्रदीप परते, महेश पवार, अर्जुन यादव थे। एएसआई आरडी झाड़े ने संजय के बयान भोपाल जाकर दर्ज किए और उसके परिवार के खाने-पीने की व्यवस्था की। आनंद के बारे में पता चला कि वह पहले भागकर पीथमपुर गया था, अत: उसका फोन नंबर प्राप्त कर सायबर सेल के माध्यम से प्रधान आरक्षक रोहित ने लोकेशन पीथमपुर बतायी। तीन सदस्यीय टीम ने उसे वहां एक कंपनी में नाइड ड्यूटी करके बाहर आते ही गिरफ्तार कर लिया।

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