तिलक सिंदूर मेला : वापस पाने एकजुट हो रहे जनप्रतिनिधि

इटारसी। तिलक सिंदूर में महाशिवरात्रि पर लगने वाले मेला को जनपद पंचायत द्वारा कराए जाने के लिए केसला ब्लॉक के जनप्रतिनिधि एकजुट हो रहे हैं। सारे जनपद सदस्यों ने तिलक सिंदूर में लगने वाला मेला जनपद पंचायत के माध्यम से ही संचालित करने के लिए एकमत होकर जनपद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजा जाएगा। विगत 12 जनवरी को केसला जनपद पंचायत ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से मेला संचालन का हक जनपद पंचायत से छीनकर तिलकसिंदूर समिति को दिया जा रहा है, जिससे जनपद पंचायत के प्रतिनिधियों में खासी नाराजी है। संभवत: शनिवार को एसडीएम कार्यालय में तिलक सिंदूर मेले के लिए बैठक होना है, उस बैठक में तीखा विरोध होने की उम्मीद है।
दरअसल, पंचायतीराज एक्ट का उल्लंघन करते हुए मेला प्रबंधन की जिम्मेदारी एक समिति को दी जाती है, जिससे जनपद पंचायत को राजस्व की हानि होती है। पिछले वर्ष की तरह ही इस बार फिर से इस समिति का विरोध शुरु हो गया है। पंचायत राज अधिनियम के तहत मेला का नियंत्रण एवं निरीक्षण का सारा काम जनपद पंचायत को शासन से मिला है। लेकिन केसला आदिवासी जनपद पंचायत क्षेत्र के तिलक सिंदूर में महाशिवरात्रि पर लगने वाले मेला के प्रबंधन, नियंत्रण की जिम्मेदारी यहां की जनपद पंचायत से छीनकर एक मेला समिति बनाकर उसको दे दी है। जनपद सदस्यों की मांग को भी हर बार दरकिनार करते हुए मेला समिति को सारा जिम्मा सौंप दिया जाता है।
इस वर्ष महाशिवरात्रि 14 फरवरी को है, मेला की तैयारी भी होने लगी है। इसलिए जनपद सदस्यों, सांसद और विधायक प्रतिनिधियों ने जनपद के अधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक में प्रस्ताव पारित कर इस बार फिर मांग रखी है कि मेला का जिम्मा वापस जनपद पंचायत ले, जिससे उसकी आय के स्त्रोत बढ़ें।

जिले में अन्य स्थानों की स्थिति
जनपद पंचायतों में जनपद और शहर में नगरपालिका मेला का आयोजन करती है। होशंगाबाद में रामजीबाबा मेला का आयोजन नपा होशंगाबाद करती है। भीलटदेव मेला का आयोजन जनपद सिवनी मालवा करती है, बांद्राभान मेला का आयोजन होशंगाबाद जनपद करती है।

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