होशंगाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सर-संघ-चालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर श्रीगुरूजी का जन्मदिवस जिला संघ चालक डॉ. अतुल सेठा के निवास पर मनाया गया। कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। श्रीगुरूजी का जन्म विजया एकादशी 19 फरवरी 1906 को हुआ। श्री गुरूजी सन् 1940 से सन् 1973 तक संघ के सर संघचालक रहे थे।
इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक व विद्वान वक्ता गोपालराव यवतीकर ने श्री गुरूजी के जीवन पर अनेक संस्मरण सुनाए। उन्होंने बताया कि यह उनका परम सौभाग्य रहा कि उन्हें एक स्वयंसेवक के रूप में श्रीगुरूजी का सानिध्य लम्बे समय तक मिला।
श्री यवतीकर ने बताया कि श्रीगुरूजी ने स्वामी अखण्डानंद जी महाराज से गुरू दीक्षा ली थीं स्वामी अखण्डानंद जी महाराज स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे तथा स्वामी विवेकानंद जी उनके गुरू भाई थे।
श्री यवतीकर ने बताया कि श्रीगुरूजी हिमालय जाकर सन्यास जीवन जीना चाहते थे। किन्तु स्वामी अखण्डानंद जी ने उन्हें इसकी इजाजत नही दी। अखण्डानंद जी ने श्रीगुरूजी से कहा कि तुम्हारा जीवन सन्यास के लिए नही हुआ है और उन्होंने श्री गुरूजी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक आद्य सरसंघ चालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के पास भेज दिया।
इस प्रकार श्री गुरूजी संघ के स्वयंसेवक बने। बाद में श्रीगुरूजी को डॉ. हेडगेवार के जीवनकाल में ही संघ के सरसंघ चालक का दायित्व सौंपा गया। डॉ. हेडगेवार ने जो कार्य शुरू किया था उस कार्य को श्री गुरूजी ने वटवृक्ष के रूप में विस्तारित किया। श्रीगुरूजी के कार्यकाल में संघ कार्य को अखिल भारतीय स्वरूप मिला।