अवैध रूप से गैस सिलेंडर रखना पड़ा महंगा, कोर्ट ने सुनाई सजा
इटारसी। जेएमएफसी आनंद जाम्भुलकर की कोर्ट ने 11 वर्ष पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम के मामले में सत्कार कैटरर्स के प्रबंधक को एक वर्ष के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग तथा राजस्व अमले ने वर्ष 2006 में रेलवे स्टेशन पर संचालित सत्कार कैटरर्स की कैंटीन में जांच की थी जहां 9 गैस सिलेंडर बिना कागजात के मिले थे। मामले में सत्कार के प्रबंधक केशव कुमार निवासी बिहार इन सिलेंडर के विषय में कागजात नहीं दिखा सके थे।
सहायक जिला अभियोजना अधिकारी रविन्द्र अतुलकर ने बताया कि तत्कालीन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आशीष बाथम ने 19 जनवरी 07 को थाना प्रभारी जीआरपी इटारसी को संबोधित करते हुए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदन में बताया था कि उन्होंने 14 दिसंबर 06 करे राजस्व अमले के साथ छापामार कार्रवाई की थी। छापे के दौरान सत्कार केटरर्स के प्लेटफार्म एक पर होटल के अंदर 9 सिलेंडर व्यावसायिक पाए गए थे जिनका लेखा-जोखा सत्कार के प्रबंधक केशव कुमार नहीं बता पाया। नौ अतिरिक्त गैस टंकी 19 किलो के दस्तावेज उपलब्ध नहीं होना स्वीकार किया था। मौके पर विधिवत कार्रवाई करके जीआरपी में रिपोर्ट दर्ज करायी। जीआरपी ने धारा 3 (क) (ख)/ 7 ईसी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य में मामला प्रमाणित होना पाया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी केशव को आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अंतर्गत केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाए गए द्रव्यीकृत पेट्रोलियम गैस (प्रदाय और वितरण विनियम) आदेश 2000 की धारा 3(1) क एवं ख के उल्लंघन हेतु एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।