एक से एक बढ़कर एक कविता का चला दौर

हुआ कवियत्री सम्मान
होशंगाबाद। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर नर्मदा आव्हान सेवा समिति के तत्वावधान में तिलक भवन सेठानी घाट में अखिल भारतीय कवियत्री सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कवि एवं पूर्व सांसद प्रो. ओमपाल सिंह निडर, विशिष्ठ अतिथि सुषमा चौबे, नीलिमा करैया तथा नम्रता नमिता की अध्यक्षता में अनूठा कवियत्री सम्मेलन हुआ।
देश के विभिन्न अंचलो से आयी कवियत्रियों ने अपनी कविता, गीत, गज़ल, हास्य-व्यंग्य की रचनाओं से भाव विभोर कर दिया। मुख्य अतिथि ओमपाल सिंह निडर ने कहा कि मातृ शक्ति विश्व ही विश्व की सबसे बड़ी शक्ति है। भारत में स्त्री को देवी स्वरूप पूजा जाता है। स्वागत भाषण कैप्टन करैया ने दिया। अतिथि एवं कवियत्रिओं का स्वागत कैप्टन करैया, सुनील भिलाला, योगेश सिंह राजपूत, आजाद सिरवैया, महेश यादव, सौरभ यादव, देवेन्द्र वर्मा, नन्द किशोर कांसकार, कैलाश ताम्रकार ने किया। सरस्वती वंदना कोरबा से आई डॉ. संगीता सरगम ने कर अपनी रचना में कहा, मैं बेटी हूं निराला की, मैं तुलसी की चौपाई हूं, पंथ के आंगन में जाई हूं, मैं बच्चन की मधुशाला, मैं नीरज की रूबाई हूं, है सरगम नाम मेरा, गीत की गंगा को लाई हूं, को श्रोताओं ने खूब सराहा। भिलाई की प्रीति सरू गुनगुन, बिलासपुर की गीता नायक, भोपाल की रेखा शर्मा रानू, देवास की मोना गुप्ता, सुनीता पटेल, झांसी की मोनिका पांडे, मंडला कि रेखा ताम्रकार , नरसिंहपुर की आराधना कौरव, बाबई की कीर्ति प्रदीप वर्मा, इटारसी की ममता वाजपेई ने भी कविताएं सुनाईं। संचालन कर रही भोपालकी डॉ. नम्रता नमिता ने श्रोताओं से ख्ूाब वाह वाही लूटी। कवियत्रियों को चिन्ह देकर प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। आभार प्रदर्शन सुभाष यादव ने किया।

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