कमर्शियल और आरपीएफ को चकमा दे रहे हैं वेंडर

अभियान के बावजूद नहीं थम रहा अवैध कारोबार
इटारसी। रेलवे के कमर्शियल विभाग और आरपीएफ ने गर्मी का सीजन प्रारंभ होने से पहले अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई का जो ट्रेलर दिखाया है, उसका कोई खास असर अवैध वेंडरों पर नहीं दिख रहा है। जब तक अभियान चलता है, ये वेंडर नदारद रहते हैं और फिर वापस आ जाते हैं। आरपीएफ और कमर्शियल की कार्रवाई के बाद भी रेलवे प्लेटफार्म पर तस्वीर में कोई खास बदलाव नहीं आया है। सच तो यह है कि गर्मियों में सीजन शुरु होने से पहले की अपेक्षा और ज्यादा अवैध वेंडर प्लेटफार्म पर उतर आए हैं। आरपीएफ थाना प्रभारी कहते हैं कि हमने विशेष अभियान चलाया है और लगातार कार्रवाई भी की जा रही है।
गर्मियां शुरु होने के साथ ही यात्रियों से लूटमार भी प्रारंभ हो जाती है, तय रेट से अधिक दाम वसूलना, विरोध करने पर यात्रियों से हाथापायी, प्रतिबंधित सामग्री की बिक्री, टेबिल लगाकर गुलाब जामुन, चाय, अंडे-पराटे, आमलेट, आइसक्रीम, हाथ की बनी देसी लस्सी और ऐसे ही कई आयटम अब रेलवे स्टेशन पर दिखाई देने शुरु हो गए हैं, जो प्लेटफार्म पर आमतौर पर प्रतिबंधित हैं। ऐसे भी जो केवल स्टाल्स पर बिकने चाहिए, वेंडर पूरे प्लेटफार्म पर घूमकर और यहां तक ट्रेन के भीतर तक जाकर बेचते हैं और फिर पेंट्रीकार के वेंडर और स्टेशन के वेंडर में संघर्ष की स्थिति बनती है। यह सब कुछ इस सीजन में फिर दिखाई देने वाला है।

लूटमार का सीजन आया
गर्मियों का सीजन, रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों की लूटमार के लिए मु$फीद होता है। गर्मियों की छुट्टियों में बाहर जाकर नौकरी करने या कारोबार करने वाले अपने घर कुछ दिन के लिए लौटते हैं तो कुछ लोग पर्यटन आदि के लिए जाते हैं। छुट्टियों में रेलों में भारी भीड़ होती है और यही वह मौसम होता है, जब रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडर यात्रियों से लूटमार करते हैं। गर्मियों में मौसम की मार और वैध तथा अवैध वेंडरों की लूटमार का शिकार यात्री बिना शिकायत किए मन में व्यवस्था के प्रति मन मसोसकर रह जाता है। गर्मियां फिर आ गई हैं, रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों की सक्रियता पूर्व की अपेक्षा बढ़ी हैं। यद्यपि गर्मियों से पूर्व रेलवे के कमर्शियल विभाग और आरपीएफ की टीम अवैध वेंडरों और किन्नरों की लूटमार के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन इस विशेष कार्रवाई का भी अपेक्षाकृत असर कम ही दिखाई दे रहा है।

दो दिन कार्रवाई की औपचारिकता
पिछले दिनों रेलवे के कमर्शियल विभाग के अफसरों ने और आरपीएफ ने सीजन की चांदी काटने की पूर्व तैयारी कर रहे अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई तो की, लेकिन वह महज औपचारिकता ही लगी क्योंकि जितना डर अवैध वेंडरों में हो जाना था, वह दिखाई नहीं दिया है। अवैध वेंडरों पर दबाव बनाने के प्रयास उतने सफल होते नहीं दिख रहे हैं, जितनी की अपेक्षा है। इस तरह की कार्रवाई से कुछ बदलाव तो नहीं होंगे अलबत्ता जा तय है, वह चलता ही रहेगा। रेलवे प्लेटफार्म के अलावा नाला मोहल्ला आउटर पर, यार्ड रोड पर अवैध वेंडर देखे जा सकते हैं। पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा भी इस पर मुहर लगा चुके हैं कि उन्होंने ऐसा होते देखा है। वेंडर आउटर से ट्रेनों में चढऩे-उतरते हैं। 12 बंगला तरफ की बाउंड्रीवाल के पास खानपान सामग्री छिपाते हैं, टे्रन आने पर वहीं से निकालकर बेचते, फिर वहीं छिपा देते हैं।

इनका कहना है…!
अवैध वेंडरों और किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष टीम बनायी है। आरपीएफ के एसआई, एएसआई, जवान और कमर्शियल विभाग के अधिकारी पिछले एक सप्ताह से लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। जिनमें अवैध वेंडर्स और किन्नरों पर मामले भी बनाए गए हैं। यह कार्रवाई सतत चलती रहेगी।
एसपी सिंह, थाना प्रभारी आरपीएफ

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