विशेषज्ञों ने लेखन विधा से कराया अवगत

इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय में साहित्य अकादमी मप्र संस्कृति परिषद भोपाल के सौजन्य से दो दिनी सृजन संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. श्रीमती कुमकुम जैन, अकादमी के निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह एवं अतिथियों ने देवी सरस्वती की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। श्रीमती ममता वाजपेयी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अकादमी के निदेशक डॉ. सिंह ने सृजन संवाद की उपयोगिता के संबंध में कहा कि ऐसी कार्यशाला के माध्यम से लेखन कार्य में निखार आता है। मुख्य अतिथि डॉ. कुमकुम जैन ने ऐसी कार्यशाला का इटारसी और शासकीय कन्या महाविद्यालय में होना उपलब्धि बताया। पत्रकार एवं साहित्यकार पंकज पटेरिया ने लेखन से संबंधित जानकारियां दीं।
भोज शोध संस्थान धार के निदेशक डा. दीपेन्द्र शर्मा ने लेखन कार्य की शुरूआत करने के लिए छोटी-छोटी घटनाओं को देखकर लिखने की सलाह दी।
भोपाल के कहानीकार चन्द्रभान राही ने छात्राओं को सलाह दी कि लिखने के पहले सभी बातों के सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए। दूसरे दिन उपन्यासकार अशोक जमनानी ने छात्राओं की मांग पर कहानी विधा के प्रमुख तत्वों का विश्लेषण करते हुए कहानी की बारीकियों पर प्रकाश डाला। अपनी कहानी स्वेटर का लगभग मंचन करते हुए कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया। भोपाल के व्यंग्कार घनश्याम मैथिल ने व्यंग्य लेखन विधा की जानकारी दी।
डौ. श्रीराम निवारिया ने साहित्य को समाज का अभिन्न अंग बताया। साहित्या अकादमी भोपाल, सभी विषय विशेषज्ञों, पत्रकारों, समन्वयक सुनील वाजपेयी महाविद्यालय परिवार, उपस्थित सभी छात्राओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सुरेश जोशी, रामकिशोर नाविक, विनोद कुशवाह, देवेन्द्र सोनी, डॉ व्हीके राणा, डॉ. आरएस मेहरा, मंजरी अवस्थी, मीनाक्षी कोरी, एके पारोचे, डॉ. संजय आर्य, शिरीष परसाई, प्रियंका भट्ट, पूनम राय, कामधेनु पटोदिया, सोनम शर्मा, सुषमा चौरसिया, चारू तिवारी, महेन्द्रिका मालवीय, पुष्पा दवंडे, पूनम साहू, हेमंत गोहिया तथा स्टॉफ उपस्थित रहे। संचालन सुनील वाजपेयी ने किया।

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