निकाला मौन जुलूस, श्रद्धांजलि दी, मनाया काला दिवस

इटारसी। शहर के पत्रकारों ने आज काला दिवस मनाया। भिंड के पत्रकार संदीप शर्मा, बिहार के पत्रकार नवीन निश्चल और विजय सिंह की हत्या के विरोध में शहर के पत्रकारों ने आज काला दिवस मनाते हुए मौन जुलूस निकाला और इन हत्याओं के पीछे जिन लोगों का हाथ है, उनको भी गिरफ्तार करने, निष्पक्ष जांच, पत्रकारों के परिवारों को सरकार की ओर से मदद की मांग की। जयस्तंभ चौक पर पत्रकारों को श्रद्धांजलि देकर दो मिनट का मौन धारण किया। जयस्तंभ चौक पर ही एसडीएम आरएस बघेल को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

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ज्ञापन में पत्रकारों पर हमले की घटनाएं बढऩे पर चिंता जताते हुए पत्रकार प्रॉटेक्शन एक्ट प्रदेश में लागू करने की मांग की है। जयस्तंभ पर संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार जम्मू सिंह उप्पल ने कहा कि देश में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर खतरा है। कब किस सच लिखने वाले पत्रकार की हत्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता, सरकार सो रही है और पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं। जल्द ही मप्र में प्रेस प्रॉटेक्शन एक्ट लागू किया जाना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद पगारे ने कहा, प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला निंदनीय और चिंतनीय है। सीबीआई जांच के आदेश का स्वागत करते हैं, लेकिन होशंगाबाद और बुदनी में भी पत्रकारों की सुरक्षा खतरे में है, यहां रेत माफियाओं का वर्चस्व है, यहां सीएम को ध्यान देना चाहिए। शिव भारद्वाज ने कहा, प्रदेश में पत्रकारिता पर हमला चिंता का विषय है, पत्रकार जगत की सुरक्षा के लिए कानून की आवश्यकता है। महेश तिवारी ने कहा, प्रदेश में रेत माफिया हावी है, इन पर लगाम लगाने की जरूरत है। पुनीत दुबे ने कहा, रेत माफियाओं के खिलाफ चलने वाली कलम को रोकने के प्रयास में हत्याएं की जा रही हैं, सब रेत माफियाओं के इशारों पर हो रहा है। मंजू ठाकुर ने कहा, हमें सुरक्षा नहीं मिली तो हम कैसे काम कर पाएंगे, वैसे भी इस क्षेत्र में महिलाएं कम आती हैं, लेकिन इस तरह के हमले और असुरक्षा का माहौल रहेगा तो काम करना मुश्किल होगा। बसंत चौहान ने पत्रकारों की हत्या और उन पर झूठे मुकदमे लादने की निंदा करते हुए कहा कि सरकार गूंगी-बहरी है, उसे जगाने हम सब एकत्र हुए हैं। पत्रकारों पर सीधे एफआईआर न हो, उनकी सुरक्षा का बंदोवस्त सरकार करे, यह हमारी मांग है। रोहित नागे ने कहा कि संदीप ने बिकाऊ मीडिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने वालों का मुंह बंद किया है, संदीप ने बता दिया कि मीडिया बिकाऊ नहीं होता है। राकेश पटेल ने पत्रकारों की हत्या की निंदा की, अनिल मिहानी ने संदीप शर्मा के परिवार को एक करोड़ और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। विनीत चौकसे ने कहा कि प्रदेश में खनिज माफिया डर का वातावरण पैदा कर रहा है, इस पर रोक लगाने की जरूरत है।

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