एक सहायक यंत्री, उपयंत्री निलंबित, दो उपयंत्रियों को सेवा समाप्ति

होशंगाबाद। नर्मदापुरम् संभाग कमिश्नर उमाकांत उमराव ने जल संरक्षण, मृदा अपरदन एवं पौधरोपण के लिए दिए निर्देशों में प्रगति न्यूनतम होने टीएस स्वीकृति व कार्य प्रारंभ नहीं कराने पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं पिपरिया के सहायक यंत्री राजेन्द्र सिंह गहरवाल, उपयंत्री जल संसाधन विभाग कार्यरत ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं सिवनी मालवा के तेजी लाल साहू को म.प्र. सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय जिला पंचायत होशंगाबाद रहेगा। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
उल्लेखनीय है कि उक्त दोनों उपयंत्रियों को कमिश्नर द्वारा पौधारोपण, तार फेंसिंग के लिए निर्देश दिए थे लेकिन निर्देशों के अंतर्गत प्रगति न्यूनतम थी, जो प्रथम दृष्टया शासकीय कार्य में लापरवाही परिलक्षित होती है। कमिश्नर ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवाओं के कार्यपालन यंत्री एसके अग्निहोत्री को आरोप पत्र अधिरोपित किया है। कमिश्नर ने जल संरक्षण एवं पौध रोपण एवं मृदा अपरदन रोकने रिपेरियन जोन में 68 गांव में पोल तार फेंसिंग कार्य करने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री को अधिकृत किया था, उन्होंने निर्देशों का पालन नहीं किया और बताया कि होशंगाबाद जिले में जल संवर्धन के 65 कार्य प्रारंभ हैं जो कि अत्यंत न्यून हैं एक भी कार्य पूर्ण नहीं कराया। जनपद पंचायत के 2 संविदा उपयंत्रियों को उनकी संविदा सेवा समाप्ति से संबंधित कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कमिश्नर ने संविदा उपयंत्री तत्कालीन जनपद पंचायत बाबई हर्षेन्द्र नाथ तिवारी एवं उपयंत्री रविन्द्र पांडे को उनकी संविदा नियुक्ति समाप्त करने का नोटिस देते हुए बताया है कि होशंगाबाद के नर्मदा नदी के तट क्षेत्रों के रिपेरियन जोन में पौधरोपण की महत्वपूर्ण कार्य योजना प्रारंभ की गई है। उक्त दोनों उपयंत्री को कार्य योजना से अवगत कराते हुए विस्तृत दिशा निर्देश विभिन्न बैठकों में दिए थे किंतु गत समीक्षा बैठक में पाया कि दोनों ने अपने आवंटित क्षेत्र में जल संवर्धन के कार्यों के डीपीआर पोर्टल पर फीड नहीं कराये, ना ही अपने कार्य क्षेत्र में जल संवर्धन का कोई कार्य प्रारंभ कराया है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा पिपरिया के उपयंत्री सुनील कुमार धुर्वे एवं सिवनीमालवा की उपयंत्री लिलिमुक्ता एक्का को कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कमिश्नर ने कारण बताओ नोटिस में स्पष्ट किया है कि वे 7 दिवस में अपना जवाब प्रस्तुत करें। जवाब संतोषजनक ना होने पर उक्त दोनों उपयंत्रियों की 3-3 वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकी जाएगी।

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