अब स्कूलों में और बेहतर तरीके से पढ़ा सकेंगे विज्ञान

इटारसी। विज्ञान के जो शिक्षक अब तक किताबों में लिखे प्रयोगों के माध्यम से केवल मानलो पद्धति पर जोर देकर बच्चों को कक्षाओं में पढ़ाते थे, अब वे भी कम से कम खर्च में बच्चों को प्रयोग कराके ज्यादा बेहतर तरीके से पढ़ा सकते हैं। ऐसा ही कुछ सिखाने राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद नई दिल्ली के सहयोग से इटारसी के ईश्वर सभागृह में विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम के आयोजक राजेश पाराशर ने बताया कि कार्यशाला में शिक्षकों को ऐसी चीजें जानने और समझने को मिली हैं जिनसे वे न्यूनतम लागत से महत्वपूर्ण सिद्धांतों को बच्चों को बेहतर तरीके से समझा और सिखा सकते हैं।
स्त्रोत वैज्ञानिक डॉ एमएस मारवाह ने आंधी में छतों के उड़ जाने को टॉयलेट पेपर रोल की मदद से समझाया तो एक बड़ी बॉल के हवा में उड़ाकर विमान के उडऩे का सिद्धांत बताया। भारी कोन के चढ़ाई चढऩे के आभास के पीछे छिपे विज्ञान को स्पष्ट किया। प्रतिभागियों की टीम ने रस्साकसी कर खिंचाव के सिद्धांत को मनोरंजक तरीके से समझा। प्रतिभागियों ने गुब्बारे फुलाकर जहां फादर्स डे मनाया तो उसी की मदद से दस से अधिक प्रयोगों को करके विज्ञान को जोड़ा।

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