भारत में नहीं देखा जा सकेगा यह ग्रहण
इटारसी। सुबह सबेरे जब आप यह अखबार पढ़ रहे होंगे, तो मानसूनी बादलों की ओट में सूर्य छिपा हो सकता है। लेकिन दक्षिणतम आस्ट्रेलिया के कुछ शहरों के निवासी चंद्रमा की छाया के कारण सूर्य को आंशिक रूप से देख रहे होंगे। इस समय आस्टे्रलिया और अंटार्कटिका में आंशिक सूर्य ग्रहण की खगोलीय घटना हो रही होगी।
भारतीय समय के अनुसार प्रात: 7 बजकर 18 मिनट से 9 बजकर 43 मिनट तक सूर्यग्रहण होगा जिसमें 8 बजकर 31 मिनट पर अधिकतम ग्रहण की स्थिति होगी।
विज्ञानवाणी के डायरेक्टर राजेश पाराशर ने बताया कि वैसे तो पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में इस समय सूर्य की किरणें न पहुंच पाने के कारण कुछ ही घंटे का दिन हो रहा है लेकिन इस भाग में चंद्रमा की छाया अंधकार को और बढ़ा देगी।
ग्रहण के वैज्ञानिक कारणों की जानकारी देते हुये श्री पाराशर ने बताया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है। चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो पृथ्वी के कुछ भाग पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है। इस घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है। यह एक खगोलीय घटना है। भारत में तो इसे नहीं देखा जा सकेगा लेकिन अगर आपके परिवार के सदस्य आस्टे्रलिया के मेलबोर्न, जीलोंग, विक्टोरिया, तस्मानिया, होबार्ट में हंै तो वे आंशिक सूर्य ग्रहण को देख सकेंगे।