देखभाल नहीं होने से सूख गई घास
स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले वर्ष बना था आकर्षण का केन्द्र
इटारसी। न्यास कालोनी में बायपास रोड पर जहां कचरा डंप किया जाता था, वहां करीब चार लाख रुपए खर्च करके बिछाई गई कारपेट घास सूखकर पीली पड़ गई है। देखभाल नहीं होने से यहां कचरा फैला हुआ है और घास पीली पड़ गई है। बीते कई महीनों से इस घास को पानी नसीब नहीं होने से यह जगह उजाड़ सी लगने लगी है। आज जब सीएमओ अक्षत बुंदेला का ध्यान इस ओर आकर्षित किया तो उन्होंने तत्काल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजकर इस स्थल को पूर्व की तरह ही व्यवस्थित करने के निर्देश दिए हैं।
पिछले वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में न्यास कालोनी के पास स्थित कचरा डंपिंग मैदान को हटाकर उसके स्थान पर कारपेट घास बिछाने का काम प्रारंभ किया था। किसी समय कचरे का पहाड़ और बदबूदार रहा यह स्थान हरी घास, स्वच्छता के बैनरों और पोस्टरों के अलावा आसपास लगे फूलदार पौधों से अभियान की शान माना जा रहा था। अभियान खत्म होते ही नगर पालिका के सफाई अमले ने भी इस ओर से पूरी तरह से मुंह मोड़ लिया था। जिस ठेकेदार ने इसे विकसित किया था, उसका एक्सीडेंट होने के बाद नपा की ओर से जिम्मेदारी अधिकारियों ने इसे संभाल कर नहीं रखा और वर्तमान में हालात यह है कि यहां कचरे का अंबार लगा है। जहां नपा के वाहन कचरा डंप कर रहे हैं, वहां से हवा से कचरा उड़कर इस घास के मैदान पर बिखर गया है।
खाद बनाने की थी योजना
दरअसल, यह नपा का ड्रीम प्रोजेक्ट था और इस पर लाखों रुपए खर्च करके वहां पड़े कचरे को खाद में तब्दील करना था। योजना थी कि ऊपर से कारपेट घास बिछा दी जाएग और इसके नीचे कचरा दबा दिया जाए। जब नीचे दबा कचरा खाद में परिवर्तित हो जाए तो कारपेट को हटाकर खाद का विक्रय किया जाए या फिर नपा के ही पार्कों में इसका इस्तेमाल किया जाए और कारपेट को दूसरे कचरे वाले स्थान पर बिछा दिया जाए। लेकिन, स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 की रैकिंग के बाद नगर पालिका ने इस स्थान की ओर मुड़कर नहीं देखा और अनदेखी से यह स्थान उजाड़-वीरान हो गया।
इनका कहना है…!
आपके माध्यम से ही जानकारी मिली है। हम स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी मंगा रहे हैं। उस जगह पर दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर घास में पानी डालने का काम कराएंगे ताकि घास फिर से हरी हो जाए। उस घास की प्रकृति ही ऐसी है कि उसमें पानी डालेंगे तो वह फिर से हरी हो जाएगी। आगे से यह स्थित न बने, इसके लिए हरसंभव काम किए जाएंगे।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ