इटारसी। त्रिकालदर्शी भगवान भोलेशंकर की उपासना का पर्व महाशिवरात्रि पर शिवधाम तिलक सिंदूर में हजारों भक्तों ने गुफा मंदिर में पावन शिवलिंग के दर्शन किए और यहां लगे मेले में मनोरंजन भी किया।
सतपुड़ा के घने जंगलों में स्थित प्राचीन शिवलिंग के हजारों लोगों ने महाशिवरात्रि के अवसर पर दर्शन किए। सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही भक्तों ने दर्शन प्रारंभ कर दिए थे। सुबह यहां मंदिर समिति ने शिव अभिषेक किया। सुबह से भक्तों ने कतारबद्ध होकर भगवान शिव के दर्शन किए। प्रशासन एवं मेला समिति ने दर्शन के लिए बेहतर इंतजाम किए थे। दोपहर तक हजारों भक्त बम-बम भोले के जयघोष के साथ दर्शन कर रहे थे। तिलक सिंदूर में दोपहर 12 से शाम 3 बजे तक सर्वाधिक भीड़ रही। इस दौरान जमानी से तिलकसिंदूर मार्ग पर जाम भी लग गया था। पुलिस ने दोपहर में मार्ग को डायवर्ट करके भीड़ को कम करने का प्रयास किया। एसडीओपी उमेश द्विवेदी ने बताया कि भक्त शांति से दर्शन कर सकें इसके लिए सुरक्षा को चार चरणों में बांटा गया है।
तिलकसिंदूर मेले में पान, प्रसाद की दुकानें, मिष्ठान केन्द्र, मनिहारी बाजार, बर्तन बाजार सहित सैंकड़ों दुकानें लगी हुई थी जहां खरीदारों की बहुत भीड़ रही। मेले में मनोरंजन के लिए झूलों का इंतजाम भी था। तिलकसिंदूर मेले में इस बार सबसे बड़ा बदलाव यह नजर आया कि पिछले 22 वर्षों से मेले का संचालन करने वाली तिलक सिंदूर मंदिर समिति भट्टी पूरी तरह से हासिए पर रही। समिति के कोषाध्यक्ष हरिकिशोर मेहतो से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि इस बार प्रशासन ने सारी व्यवस्था आदिवासी सेवा समिति को सौंपी है। तिलकसिंदूर मेले में इस बार मांझी सेना के सदस्य भी वर्दी में पहुंचे थे। सदस्यों ने जयकारे के साथ मेले का भ्रमण और शिवलिंग के दर्शन किए। सेना प्रभारी मंगल सिंह अहाके ने अपने इस मूवमेंट के संदर्भ में बताया कि हम धर्म और राष्ट्र दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर तिलक सिंदूर में सुबह से शाम तक करीब एक लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। यहां पहुंचने वाले भक्तों के लिए शिवशक्ति सेवा मंडल ने राह में फलाहारी भंडारे के साथ ही पेयजल और वाहन चालकों के लिए हवा आदि की व्यवस्था की थी। मंडी के अध्यक्ष भारतभूषण गांधी ने बताया कि बाबा अमरनाथ की प्रेरणा से यह सेवा जारी है।