भगवान शिव का साक्षात्कार केवल उनकी भक्ति से होता है

इटारसी। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में सावन मास के चतुर्दश दिवस पर भगवान शिव के पार्थिव स्वरूप का पूजन एवं रूद्राभिषेक किया। अरब सागर और सात नदियों के पवित्र जल से उपस्थित महिला भक्तों एवं यजमानों ने भगवान शिव का अभिषेक किया। शिव भक्तों का ऐसा मानना है कि पिछले 72 घंटे से इटारसी शहर मं जो निंरतर पानी गिर रहा है उसका कारण भगवान शिव का पूजन एवं उनका अभिषेक है। मंगलवार को वर्षा के पानी में नहाकर मंदिर में शिव भक्त महिलाओं ने भगवान से प्रार्थना की कि इटारसी में वह अभी निरंतर बारिश करें क्योंकि इटारसी को पानी की अत्यधिक आवश्यकता है।
मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे ने कहा कि शिव पुराण में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य गान किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज के तट पर जब सारे मुनिगण सूत जी के पास आए थे तब सूतजी ने मुनियों को कहा था कि छह कुलों के महर्षि आपस में वाद विवाद करने लगे थे कि अमूक वस्तु उत्कृष्ट है जब विवाद ने बड़ा रूप् धारण कर लिया तब सभी अपनी संता के समाधान के लिए ब्रम्हा जी के पास पहुंचे तब ब्रम्हा जी ने कहा कि वह स्वयं, विष्णु, रूद्र और इन्द्र आदि से युक्त संपूर्ण जगत समस्त भूतों एवं इंद्रियों के साथ पहले प्रकट हुआ है। वह देव-महादेव ही सब्रज्ञ और संपूर्ण है। पं. दुबे ने कहा कि भक्ति से ही शिव का साक्षातकार होता है।

पार्थिव ज्योर्तिलिंग निर्माण 2 से
श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रमोद पगारे ने बताया कि सावन मास की 17 जुलाई से प्रारंभ हुई शिवलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक का प्रथम चरण 1 अगस्त को समाप्त हो जाएगा एवं द्वितीय चरण 2 अगस्त से 13 अगस्त तक होगा, जिसमें प्रतिदिन एक पार्थिव ज्योर्तिलिंग का पूजन एवं अभिषेक होगा। द्वादश ज्योर्तिलिंग पूजन एवं अभिषेक के तहत 2 अगस्त को गुजरात में स्थित सोमनाथ ज्योर्तिलिंग का पूजन एवं अभिषेक किया जाएगा।

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