स्कूल और बसों में यह करना अनिवार्य होगा

इटारसी। शैक्षणिक संस्थाओं और स्कूली वाहनों के सुरक्षित संचालन एवं विद्यार्थियों की सुरक्षा हेतु कलेक्टर ने निर्देश जारी किये हैं। दरअसल मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के परिपालन में कलेक्टर की ओर से यह निर्देश जारी हुए हैं।
इन आदेशों में कहा है कि स्कूली बच्चों के परिवहन हेतु उपयोग किये जाने वाले वाहनों को मापंदडों के अनुरूप संचालन किये जाने एवे इसमें पालकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक शैक्षणिक संस्था के स्तर पर समिति गठित की जाए। समिति की बैठक तीन माह में कम से कम एक बार अवश्य हो। शैक्षणिक संस्थाओं के वाहनों के चालाकों के लिए परिवहन विभाग से समन्वय कर उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाए एवं समय-समय पर उनके ड्रायविंग टेस्ट कराये जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि क्षमता से अधिक बच्चे बस में न बैठें, बसों में सीट वेल्ट और स्टाफ और ड्रायवर भी सीट वेल्ट लगाएं। वाहनों की जानकारी स्कूलों में संधारित हो और बच्चों को स्कूल परिसर के भीतर ही छोड़ें, यह भी सुनिश्चित किया जाए। स्कूल प्रबंधन द्वारा समय-समय पर वाहनों का निरीक्षण किया जाए। छात्राओं को लाने-ले जाने वाली बसों में महिला परिचालय का होना अनिवार्य है। महिला परिचालक की अनुपस्थिति में महिला स्टाफ या शिक्षका उक्त बस में होना चाहिए। समस्त स्कूल स्टाफ का पुलिस सत्यापन जरूरी है, जिनमें ड्रायवर, कंडक्टर, क्लीनर, माली, चौकीदार आदि भी शामिल हैं। उनसे यह शपथ पत्र भी लेना होगा कि उनके विरुद्ध लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत कोई प्रकरण दर्ज या लंबित तो नहीं है। वाहनों का बीमा, परमिट, फिटनेस एवं अन्य सुरक्षा उपकरण की व्यवस्था अनिवार्य है। विद्यालय में एक शिकायत पेटी हो जिसे प्राचर्य प्रतिदिन खोलकर शिकायतें देखें।

बसों संबंधी दिशा निर्देश
बसों के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए, स्कूली बचों में प्राथमिक चिकित्सा बाक्स हो, प्रत्येक बसों में आग बुझाने के उपकरण हों, अगर किसी एजेंसी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। स्कूल बस पीले रंग की हो जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम एवं फोन नंबर लिखा होना चाहिए। बस में सीटों के नीचे बैग रखने की व्यवस्था हो, किसी भी ड्रायवर एवं कंडक्टर को रखने से पहले उसका सत्यापन जरूरी है। कम से कम एक बस में दो चालक होना चाहिए। स्कूल के बाथरूम तथा खिड़कियों में आवश्यक दरवाजों एवं जालियां लगी होना अनिवार्य है। लघु अवकाश, दीर्घ अवकाश या भोजन अवकाश में शिक्षक-शिक्षिकाएं बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें। बसों में सीसीटीवी कैमरे होना चाहिए। विद्यालय में प्राथमिक चिकित्सा बाक्स अनिवार्य रूप से रखा जाए जिसकी सामग्री ध्यान में रखें कि कोई दवा अथवा ट्यृब एक्सपायरी डेट की न हो।
निर्देश में कहा गया है कि यदि निरीक्षण के वक्त इन निर्देशों का पालन होते नहीं पाया गया तो मान्यता नियमों के अंगतर्गत विहित प्रक्रिया का पालन करते हुए उनकी मान्यता नियमों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही करते हुए संबंधित शाला की मान्यता निलंबित करने की कार्यवाही की जाएगी।

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