चने की फसल हेतु किसानों को सलाह

Post by: Poonam Soni

होशंगाबाद। आगामी मौसम (Weather) को देखते हुए एवं जिले में चने की फसल प्रबंधन के बारे में कृषकों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी सलाह दी गई है। उप संचालक कृषि जितेंद्र सिंह (Deputy Director Agriculture Jitendra Singh) ने किसानों से कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई सलाह को अपनाकर अपनी फसलों का प्रबंधन करने का आग्रह किया है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया है कि वर्तमान में जो मौसम है, उसमें बादल एवं तापकम वृद्धि के कारण चना फसल में फली भेदक या चने की इल्ली के प्रकोप होने की सम्भावना है, इसके प्रकोप से चने की उत्पादकता को 20-30 प्रतिशत तक हानि होती है एवं अधिक प्रकोप की अवस्था में चने की ज्यादा क्षति होने की संभावना रहती है। इस कीट की मादा पत्तियों एवं शाखाओ पर भूरे हरे रंग के एक एक करके अंडे देती है । छोटी इल्लियां पीली भूरे रंग की होती है, जो प्रारम्भ मे पत्तियों के पर्णहरिम को खाती है एवं बड़ी इल्लियाँ फूलो को खाती है जैसे-जैसे इल्ली बड़ी होती जाती है, यह फली में छेद करके अपना मुंह अंदर डालकर पूरा दाना खा लेती है। अतः इस कीट के प्रबन्धन हेतु किसान भाइयो को सलाह है कि फलीभेदक एवं कटुआ कीट के नियंत्रण में कीटभक्षी चिडियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, इस इल्ली के परमक्षी पक्षियो जैसे काली मेना, बगुला, टिटहरी इत्यादि को आश्रय देने हेतु “टी’ (T) आकार की ( 3-4 फीट) ऊन्ची खूटियाँ 8-10 मीटर की दूरी पर प्रति हेक्टयर के हिसाब से 30-40 कूटियाँ लगानी चाहिए इसके जैविकनियंत्रण के लिए परजीवी व मित्र कीट – ट्राइकोग्रामा चिलोनिस अण्ड परजीवी के अंडे 1-5 लाख प्रति हेक्ट प्रति सप्ताह इल्लियों के दिखते ही फसल मे चार बार छोड़े । नर कीटो को आकर्षित करने के लिए फेरोमेन ट्रेप (10.12 ट्रेप / हेक्टेयर) लगाये जैविक कीटनाशी न्युक्लियर पोलीहैड्रोसिस विषाणु का इल्ली के आक्रमण होने पर 250 एल. ई. (इल्लियों के बराबर ) का 500 लीटर पानी मे घोल बनाकर प्रति हेक्टयर की दर से छिड़काव करें । किसान भाई खेतो मे सतत निगरानी करते रहे एवं अधिक इल्लियो के मिलने पर रासायनिक कीटनाशियों का प्रयोग करना चाहिए इसके लिए फ्लुबिनडायएमाइट 39.35 एस.सी. 40 मि. ली./एकड़ या इमामेक्टीन बेंजोएट 5 प्रतिशत एस.जी. 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। यदि बड़ी इल्लियों की अधिकता होने पर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस. सी 40 मि. ली. प्रति एकड़ या इंडोक्साकार्ब 14.5 एस. सी. 100 मि. ली. प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करे। किसान भाई फसलों को कीट व्याधि के प्रकोप से बचाव एवं प्रबंधन के लिए वरिष्ठ कृषिवैज्ञानिक ज़ोनल कृषि अनुसंधान केंद्र पवारखेड़ा डॉक्टर अरुण चौधरी वरिष्ठ कृषिवैज्ञानिक ज़ोनल कृषि अनुसंधान केंद्र पवारखेड़ा डॉक्टर अरुण चौधरी मोबाइल नंबर 7987128816 एवं कृषिवैज्ञानिक के॰वी॰के॰ बनखेड़ी डॉक्टर ब्रिजेश नामदेव 9713029007 से संपर्क कर सकते है।

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