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बहुरंग: इटारसी में महिला लेखन
विनोद कुशवाहा जब से साहित्यिक पत्रिका 'अनाहत' के " महिला लेखन अंक " के प्रकाशन की घोषणा हुई है तभी से हिंदी साहित्य जगत में इसको लेकर चर्चाओं का दौर चल पड़ा । ... Read More
बहुरंग: शहर में साहित्यिक सन्नाटा कभी नहीं रहा
विनोद कुशवाहा एक समय था जब कलमकार परिषद द्वारा पुरानी इटारसी में स्व चांदमल चांद की प्रेरणा से स्व बद्रीप्रसाद वर्मा तुलसी जयंती पर प्रतिवर्ष काव्य गोष्ठी का आयोजन करते थे तो दूसरी ... Read More
बहुरंग – जगत जननी माँ…
विनोद कुशवाहा नवरात्रि में जगत जननी माँ का स्मरण किया जा रहा था। उनकी पूजा, अर्चना, आराधना की जा रही थी। ऐसे में मुझे अपनी माँ का स्मरण होना स्वभाविक था क्योंकि मेरे ... Read More
बहुरंग: आजादी के मायने
विनोद कुशवाहा 15 अगस्त आते ही याद आ जाता है बचपन भी । कितना मासूम , कितना प्यारा। आंखें नम हो जाती हैं। (और ज्यादा…) Read More
बहुरंग: भाषा का स्वभाविक सौंदर्य
- विनोद कुशवाहा : विपिन पवार की कहानियों के संग्रह 'पीली रोशनी का समंदर' में ... Read More
बहुरंग: तेरी दोस्ती से मिली है मेरे वजूद को ये शोहरत
विनोद कुशवाहा/ आज रविवार है और दिन है " नर्मदांचल " के लोकप्रिय कॉलम ' बहुरंग ' का। ... इस सबसे बढ़कर बात ये है कि आज " फ़्रेंड्शिप डे " भी है। ... Read More
बहुरंग: वो जब याद आये…बहुत याद आये
विनोद कुशवाहा/ इटारसी में कविता का इतिहास बहुत पुराना है। बात भारती जी से शुरू होकर युवा कवि सारांश पर खत्म हो जाती है। स्व विनय कुमार भारती , स्व विपिन जोशी , ... Read More
बहुरंग: रीना के बाद अब किरण से भी तलाक, फातिमा की एंट्री
विनोद कुशवाहा : फिल्म इंड्रस्टी पर शुरू से खान बन्धुओं का राज रहा है। चाहे वे फिरोज खान, संजय खान, अकबर खान रहे हों या फिर सलमान, अरबाज, सुहैल खान। खान ब्रदर्स शिकार ... Read More
बहुरंग: अकेला चला था मैं…
- विनोद कुशवाहा : इटारसी की युवा पीढ़ी के साहित्यकारों में उन दिनों एक नाम बहुत तेजी से उभरा। वह नाम था रवि पांडे का जो 'अकेला' उपनाम से लिखा करते थे। (और ... Read More
बहुरंग: सरदार गोपाल सिंह खालसा: असरदार कवि
विनोद कुशवाहा। इटारसी की साहित्यिक यात्रा का इतिहास बेहद पुराना और कई अभूतपूर्व घटनाओं से भरा पड़ा है। (और ज्यादा…) Read More