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कछारगढ़ के लिए तिलक सिंदूर से निकली आदिवासी युवाओं की टोली

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इटारसी। आदिवासियों के तीर्थस्थल कछारगढ़ (Kachargarh) के लिए इस वर्ष भी कलश यात्रा तिलक सिंदूर (Tilak Sindoor) से निकाली गयी। बड़ादेव की आरती के बाद, यात्रा करने वालों को पुष्प माला पहनाकर उनका सम्मान किया। यात्रा के प्रमुख कार्यकर्ता विक्रम परते (Vikram Parte) ने बताया कि जिले नर्मदापुरम (Narmadapuram) से 120 लड़के, स्वयं सेवा करने कछारगढ़ मेला पहुंचेंगे। जमानी एवं जगह-जगह पर उनका सम्मान किया गया।

19 फरवरी 2024 डूडादेह से पिपरिया (Pipariya), मटकुली (Matkuli), तामिया (Tamia), परासिया (Parasia), छिन्दवाड़ा (Chhindwara), बालाघाट (Balaghat), धानेगांव (Dhanegaon), गोंदिया (Gondia) होते हुए महाराष्ट्र (Maharashtra) के कछारगढ़ पहुंचेगी। यह एशिया खंड की सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफा है। गुफा 518 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। नेटवर्क नहीं मिलने पर पहाड़ी पर जगह-जगह पर वॉकी टॉकी का प्रयोग भी किया जाएगा।

इस अवसर पर विक्रम परते, विजेंद्र उईके, सुदेश उईके, अनिकेत इवने, श्यामसिंह उईके का स्वागत जनपद सदस्य सुखराम कुमरे, खुमान भल्लावी, भूमका रामदयाल नागले, समिति के मीडिया प्रभारी विनोद वारिवा, अंकित कुमरे, राजकुमार उईके, बृजलाल दीपक बाबरिया सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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