आदि शक्ति मां भगवती की महिमा और नवम अंक का महात्म्य और वैभव अपरिमित है, अपार है। महाशक्ति के इस महासागर से भर-भर अंजुरी कितना भी आचमन कर माथे पर लगाए, कभी समाप्त नहीं होगी महिमागान। आदि शक्ति से संचालित होते है सृष्टि के सारे कार्य कलाप। महारानी परम सत्ता ब्रम्ह स्वरूपा है। सृष्टि निर्मित में वे त्रिमूर्ति, ब्रम्हा, विष्णु, महेश बनती, और विविध स्वरूप में विभिन्न लीला अनुभूति कराती। माता भवानी श्रद्धा, दया, क्षमा, कांति कीर्ति, स्मृति, पुष्टि निद्रा, शांति आदि उनके रूप है, वे ही राधा, लक्ष्मी सरस्वती गायत्री है। काव्य, लेखन ज्योतिष, तो आधुनिक युग के नव आयाम जेट नेट सबके केन्द्र में महारूपा महाशक्ति ही है।
नवअंक वैभव
इसी तरह नवम अंक का भी वैभव है। देखिए नवम अंक भी जगर मगर महिमा। नवरात्रि, नवदुर्गा,नवधा भक्ति, नवनिधी, नवग्रह नवरत्न, नवरस, नवरंग आदि। नवम अंक महात्म्य है। प्रख्यात चिंतक दार्शनिक लेखक प्रोफेसर महादेव मारुति वासुटकर कहते है, नोवां अंक गणितीय दृष्टि से नहीं अपितु आध्यात्मिक, धार्मिक, साहित्य सामाजिक क्षेत्र में दिव्य दर्शन कराता है। आदि ज्ञान पत्रिका में उनका महत्व पूर्ण लेख भी इस विषय में है। नवम अंक की जितनी भी स्तुति की जाये पूर्ण नहीं होगी। मानव जीवन में भी, शिशु 9 माह माँ के गर्भ में रहता है शरीर के नव द्वार सुविदित है।अंत में नव अक्षर मंत्र से अपने इष्ट के प्रति मनऊ मनुऊ प्रणाम और सभी जड़ चेतन के मंगल की मातारानी से विनय करते हुए विदा।
पंकज पटेरिया (Pankaj Pateria) वरिष्ठ पत्रकार,कवि संपादक शब्द ध्वज 9893903003 | आदिशक्ति की पेंटिंग शिल्पा चौरे ने बनाई हैं। शिल्पा होशंगाबाद निवासी हैं और इटारसी में हितेश पटेल से उनका विवाह हुआ। वर्तमान में आप ओहियो यूएसए में रहती हैं। |