बाबरीघाट का नाम यदुवंशपुरम करने अभा यादव महासभा ने दिया ज्ञापन
नर्मदापुरम। जिले की सिवनी मालवा तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बाबरीघाट का नाम मुगल बादशाह बाबर के सैनिक के नाम से होने से अब इस ग्राम का नाम बदलकर यदुवंशपुरम किये जाने की मांग अखिल भारतीय यादव महासभा ने की है।
इस हेतु महासभा के महासचिव आत्माराम यादव, जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव एडव्होकेट, रामराजसिंह ठाकुर एडव्होकेट एवं आनन्द यादव एडव्होकेट ने नाम परिवर्तन को लेकर एडीएम मनोज ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है। महासभा के प्रदेश महासचिव आत्माराम यादव के अनुसार पिछले 4 सौ सालों से पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट पर पीढ़ी दर पीढ़ी निवास करते आ रहे यदुवंशी समाज के ग्राम से मुगलकाल में बादशाह बाबर की सेनाओं ने नर्मदा नदी में उथले पैदल चलने का घाट होने से अपनी सेनाओं, हाथी-घोड़े आदि का आवागमन हेतु उपयोग किया था। तब लुटेरे बादशाह बाबर के एक सेनापति की मौत इस ग्राम में हो जाने के पश्चात मुगल सैनिकों ने तत्समय उसकी मजार बनाकर उक्त ग्राम का नाम बाबरी कर दिया था, जो वर्तमान जनपद पंचायत सिवनीमालवा, जिला नर्मदापुरम का हिस्सा है तथा नर्मदातट का दूसरा हिस्सा जो सीहोर जिले की सीमा में आता है, भी इसी बाबरी नाम के दंश को झेल रहा है।
महासभा के जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव एडव्होकेट ने बताया कि मुगलकालीन आक्रांताओं की हमारे पूर्वजों पर जबरिया शासन कर उनके साथ लूट-खसोट के लिये तत्समय उनकी ज्यादती सहने की उनकी विवशता एवं लाचारी के लिये भले उन्होंने सहकर क्षमा कर दिया, पर हम उनके अपमान के लिये क्षमा नहीं कर सकते हैं। देश स्वतंत्र है, हमारा संविधान है, हमें पूर्णतया मौलिक अधिकार एवं आजादी प्राप्त है, तब हम क्यों किसी लुटरे मुगल शासक के थोपे गये नाम से अपनी ग्राम पंचायत की पहचान बाबरी बनाये रखें।
हम अपनी ग्राम पंचायत का नाम अपनी मूल पहचान से यदुवंशपुर अथवा यदुवंशपुरम करना चाहते हैं, खूनी तानाशाह के गुलामों द्वारा दी गयी पहचान को अब आगे ढोने को तैयार नहीं हैं। ग्राम पंचायत ने भी प्रस्ताव बनाकर जनपद पंचायत को सौंपने की तैयारी कर ली है, शेष तैयारी जल्द पूरी कर ली जायेगी ताकि हम यदुवंशपुरम के निवासी के रूप में अपनी पहचान पा सकें।