दर्शक पहले फिल्म देखें, फिर कोई धारणा बनायें
इटारसी। मशहूर निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्म गांधी-गोडसे एक युद्ध 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर आल इंडिया रिलीज़ होने वाली है। फिल्म गांधी गोडसे पर देश भर में विवाद छिड़ गया है, राजनीतिक पार्टियां इस विषय पर देश भर में वाद विवाद कर रही हैं।
फिल्म में एक सशक्त भूमिका निभाने वाले नर्मदापुरम के अभिनेता शरद सिंह पर्दे पर 1947 में पाकिस्तान से आये रिफ्यूजी रंजीत साहनी के रूप में दिखाई देंगे। आज अपने साथी और नर्मदापुरम के निर्देशक परेश मसीह के साथ इटारसी में अल्प प्रवास के दौरान चर्चा करते हुए शरद ने बताया कि यह फि़ल्म एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित है।
इसके लेखक असगर वसाहत हैं जिन्होंने इसे नाटक के रूप में लिखा है, जिसका मंचन वर्षों से भारत के रंगमंचों पर होता रहा है।
निर्देशक राजकुमार संतोषी और असगर वसाहत ने मिलकर इस फि़ल्म को लिखा है। देशभर में चल रहे विवाद पर शरद सिंह ने कहा कि हमारे देश की सबसे बड़ी एजेंसी सेंसर बोर्ड जो फिल्मों के प्रदर्शन की अनुमति देती है, उसने इस फि़ल्म की प्रदर्शन की अनुमति दे दी है।
इस फि़ल्म को थिएटर में जाकर देखें, फि़ल्म अभी रिलीज़ नहीं हुई है, केवल ट्रेलर रिलीज़ हुआ है, और ट्रेलर देखकर फिल्म के विषय में कोई सोच बनाकर विवाद करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी फिल्म देखेंगे, उसके बाद अपनी कोई धारणा बनाएं वगैर फि़ल्म देखे विवाद करना अनुचित है।
शरद सिंह इस फि़ल्म में काम करना अपना सौभाग्य मानते हैं। उन्होंने होटल फूडलैंड के सभागार में शरद ने कहा कि राजकुमार संतोषी जैसे निर्देशक के साथ काम करना, अपने आप में गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि राजकुमार संतोषी के साथ काम करके उनको काफी कुछ सीखने को भी मिला है। काफी मेहनत और शोध के बाद इस फि़ल्म को बनाया है।
उन्होंने कहा कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान 1947 के माहौल को जिया है, करीब बीस दिन की शूटिंग के बाद जब वे अपने गृहनगर नर्मदापुरम लौटे तो दो दिन अपनी भूमिका में निभाए किरदार के विषय और उन दिनों के हालात को सोचकर काफी परेशान भी रहे। उन्होंने दर्शकों से कहा कि पहले फिल्म देखें, फिर कोई धारणा बनायें।