कृषि विभाग का दावा, डीएपी से एनपीके है ज्यादा अच्छा

Post by: Rohit Nage

  • – किसान को भरोसा नहीं, डीएपी के लिए हो रहा परेशान

इटारसी। सेमरी (Semri) से डीएपी लेने इटारसी (Itarsi) आए किसान को 8 दिन परेशान होने के बाद भी डीएपी नहीं मिला। कृषि अधिकारियों ने कहा कि एनपीके ले लो, उनको संदेह है कि इससे उपज अच्छी होगी या नहीं। खेड़ा स्थित विपणन संघ (Marketing Association) की गोदाम पर किसान डीएपी (DAP) के लिए कतारबद्ध होकर वितरण व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि विभाग का दावा है कि डीएपी की तात्कालिक कमी के कारण किसान एनपीके (NPK) ले ले तो भी फसलोत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा बल्कि यह अच्छा विकल्प साबित होगा।

ग्राम मोथिया साकेत से आय किसान जितेन्द्र मोदी (Jitendra Modi) ने कहा कि डीएपी कम मात्रा में आया था, कुछ किसानों को ही मिल सका, बाद वालों को नहीं मिल रहा। वे स्वयं परेशान होते रहे हैं। जिनका 14 नवंबर का बिल कटा है, उनको दिया जा रहा है। वितरण में लगे कर्मचारी डीएपी मिलने की कोई निश्चित तारीख नहीं बता रहे हैं। इधर कृषि अधिकारी केसला सुनील उईके (Sunil Uike) का कहना है कि डीएपी की डिमांड ज्यादा है, एनपीके सोसायटियों में रखा है। कई सोसायटी में भेजा गया है। टोकन वालों को प्राथमिकता दे रहे हैं। कृषि विभाग का दावा है कि एनपीके लेंगे तो भी अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि किसान एनपीके 12:32:16 का उपयोग कर फसली पौधों को पौषक तत्वों की आपूर्ति कर सकते हैं।

गेहूं की बोवाई के समय एनपीके खाद का प्रयोग लाभकारी है। एनपीके 12:32:16 में पहला अंक एन. नाइट्रोजन-12 प्रतिशत, दूसरा अंक पी. फास्फोरस-32 प्रतिशत, तीसरा अंक के. पोटेशियम-16 प्रतिशत होता है। अभी कुछ समय से जिंक कोटेड रहने से 0.5 प्रतिशत जिंक की मात्रा रहती है। दानेदार रहने से अनाज वाली फसलों में बीज की बोवाई के समय प्रयोग कर सकते हैं, इसमें डीएपी की तुलना में 16 प्रतिशत पोटेशियम अतिरिक्त रहता है, जिससे फसल के दानों में चमक तथा वजन बढ़ाने तथा पौधे में कीट व्याधि के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जबकि डीएपी में पोटेशियम नहीं होता है, जिस कारण दानेदार फसलों के लिये उतना उपयुक्त नहीं है, जितना एनपीके उर्वरक होता है।

इनका कहना है…

एनपीके उर्वरक सभी प्रकार की जमीन में उपयोग करना अच्छा रहता है, यह घुलनशील प्रकृति का है, जबकि डीएपी नहीं है। इस कारण से एनपीके का असर, डीएपी की तुलना में फसलों पर जल्दी दिखाई देता है।

जे आर हेडाऊ, उपसंचालक कृषि

कहां कितना उपलब्ध है

  • जिले के समस्त डबल लॉक केंद्रों में 1743 मी. टन एनपीके एस. तथा समस्त सहकारी समितियों में 78 मे. टन एनपीके एस उपलब्ध है।
  • तहसील नर्मदापुरम अंतर्गत निजी उर्वरक विकेताओं जिनमें चौरे कृषि केंद्र पर 48 मे.टन एनपीके एस,गौर कृषि सेवा केंद्र 35 मे.टन, जय श्री ट्रेडर्स 13 मे.टन, संतोष खाद भंडार 09 मे.टन, शंकर खाद बीज भण्डार पर 33 मे.टन एनपीकेएस उपलब्ध है।
  • तहसील माखननगर अंतर्गत निजी उर्वरक विक्रेताओं यथा अग्रवाल ट्रेडर्स पर 14 मे. टन एनपीके एस, बालाजी ट्रेडर्स 10 मे.टन, प्रदीप कुमार वर्मा 12 मे.टन, शांतिदीप जैन कृषि सेवा 24 मे.टन, सोलंकी ट्रेडर्स पर 09 मे.टन. एनपीके एस उपलब्ध है।
  • तहसील बनखेड़ी अंतर्गत निजी उर्वरक विकेताओं यथा एच.के. कृषि मार्ट पर 28 मे.टन. जैन फर्टिलाईजर्स 09 मे.टन, मनमोहन फर्टिलाइजर्स 56 मे.टन, नर्मदा ट्रेडर्स पर 26 व हरिहर ट्रेडर्स पर 59 मे.टन एन.पी.के.एस.उपलब्ध है।
  • तहसील इटारसी अंतर्गत निजी उर्वरक विक्रेताओं यथा एग्रो सर्विस सेंटर पर 1.75 मे.टन, गोठी फर्टिलाईजर्स 05 मे.टन, मधु फर्टिलाईजर्स 09 मे.टन, साहू, फर्टिलाईजर्स 05 मे.टन, रामस्नेही ट्रेडर्स पर 05 मे.टन एन.पी. के. एस उपलब्ध है।
  • तहसील पिपरिया अंतर्गत निजी उर्वरक विक्रेताओं यथा एग्रो सर्विस सेंटर पर 30 मे.टन, लालचंद मोहनलाल 22 मे.टन, पीताम्बरा ट्रेडर्स पर 04, अतुल ट्रेडर्स 21 मे.टन, कृषि संसार 30 मे.टन व माँ शारदा ट्रेडर्स पर 27 मे.टन एन.पी.के.एस.उपलब्ध है।
  • तहसील सिवनीमालवा अंतर्गत निजी उर्वरक विक्रेताओं यथा आरव खाद भण्डार पर 09 मे.टन, पालीवाल खाद भण्डार 04 मे.टन, पायल खाद भण्डार 10 मे.टन, विशाल कृषि सेवा केंद्र 19 मे.टन एन.पी.के.एस.उपलब्ध है।
  • तहसील सोहागपुर अंतर्गत निजी उर्वरक विकेताओं यथा अजय ट्रेडर्स पर 09 मे.टन, खंडेलवार कृषि सेवा केंद्र 19 मे.टन, माहेश्वरी ट्रेडर्स 11 मे.टन, कृपालदास राधामल 23 मे. टन, कृष्णा कृषि सेवा केंद्र में 30 मे.टन एनपीके एस उपलब्ध है।

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