नूतन वर्ष विशेष: आइए नए साल की अगवानी करें, नए सूर्य के भाल का तिलक करें
new year special news in hindi

नूतन वर्ष विशेष: आइए नए साल की अगवानी करें, नए सूर्य के भाल का तिलक करें

पंकज पटेरिया। प्राची के अरुण पट खोल राजसी ठाठ बाट में सुनहरी अचकन पहने माथे पर बांधे, सुर्ख गुलाबी साफा, सात अश्व के अपने रथ पर सवार पुण्य सलिला मां रेवा चरण पखारते सूर्य देव की अगवानी में धरती ने बिछाया रेशमी हरी धूप, ओस के गोटो जड़ा कालीन पर खड़ी खुशबू की मोहक स्मवेद ताली बजाते लाल केसरिया वासंती फूलो की टोलिया और मनोहर मंगल प्रभाती पक्षियों की कतार।
सच कितना सुंदर मोहक अलौकिक आनंद से परिपूर्ण परिदृश्य से मुग्ध मुदित मन उस परम सत्ता के सामने श्रद्धानत हाथ जोड़ बस कृतज्ञता में शीश झुकाने के लिए हम सहज विवश हो जाते हैं। पंडित भरत व्यास का लिखा यह गीत कौन चित्रकार है, यह कौन चित्रकार है, यह किसने फूल फूल पर किया सिंगार है। यकीनन ईश्वर की रची यह अभूतपूर्व कविता है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने ऐसी महान भारत भूमि पर जन्म लिया है। यहां की हवा पानी मिट्टी से हमारा पोषण हो रहा है।
इसके साथ ही हम प्रभु के प्रति कृतज्ञ है। कि उन्हें हमें एक ऐसा तेजस्वी ऊर्जावान मनीषा नेतृत्व और वैश्विक नेता नरेंद्र मोदी दिया जिनकी सरलता, विनय शीलता, साधुता का कोई भी शानी नहीं। हीरे सा चमकता दमकता उनका पुरुष जिसने चतुर्दिक विश्व मंच पर अपना डंका बजा कर चकित कर दिया। आज हमारा राष्ट्र बड़े-बड़े संकट से चाहे वे प्राकृतिक आपदा विविदा, महामारी हो अथवा दोहरे चरित्र वाले लोगों के हो या हमारी ईष्र्या से धडक़ रहे दोस्त। बनाम जानी दुश्मन बुझदिलों को सबक सिखाने का हो हमने बता दिया की हम शांति के पुजारी सर्वधर्म का सम्मान करने वाले और वसुदेव कुटुंबकम के उपासक वक्त आने पर शस्त्र उठाने में भी तनिक भी देर नहीं करते। नव वर्ष की मंगलमय बेला में विश्व के प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य को साक्षी कर यह शपथ लें की हम सदैव राष्ट्रहित, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्र की प्रगति में निरंतर कर्मशील रहें। राग-द्वेष के कैक्टस को कभी पनपने ना दे, बहने दे अभिराम सद्भाव की सरयू निर्मल नर्मदा पावन गंगा। हेनरी फोर्ड का यह कथन इस अवसर पर प्रासंगिक लगता है। एक साथ रहना प्यार मोहब्बत आपसी भाईचारे से और एक साथ अपने अपने काम के प्रति समर्पित रहना। तरक्की और हमेशा सफलता प्राप्त होने की गारंटी है। इस पावन अवसर पर नूतन वर्ष की सभी देशवासियों को पेड़ को पहाड़ को खेत को खलियान को, बड़े बूढ़ों जो हमसे खुश हैं और जो हमसे नाराज सबको मंगलकामनाएं दें। ईश्वर सबको सुख शांति और समृद्धि प्रदान करें। हम भारतवासी एक नए इतिहास के साक्षी बन रहे हैं। जय हिंद जय भारत

Pankaj Pateriya e1601556273147

पंकज पटेरिया, वरिष्ठ पत्रकार कवि
ज्योतिष सलाहकार
9893903003, 9407505691

 

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!