प्रदेश में निरंतर निर्मित हो रहीं जल-संरचनाएँ
भोपाल। प्रदेश के हर परिवार को उसकी जरूरत के अनुसार जल की उपलब्धता उसके घर पर ही हो, इसके लिए राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (National Water Life Mission) एक सार्थक पहल साबित हो रहा है। मिशन में ग्रामीण आबादी की जल व्यवस्था कर उसे पेयजल की चिंता से मुक्त किया जाना है। मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन का धरातल पर क्रियान्वयन जून 2020 में प्रारंभ हुआ है। राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश की सम्पूर्ण ग्रामीण आबादी को नल से जल मुहैया करवाने के लिए वृहद स्तर पर कार्य प्रारंभ किये हैं। अब लगभग हर जिले में जलप्रदाय योजनाओं के काम चल रहे हैं। मिशन के अंतर्गत वर्ष 2023 के अंत तक शत-प्रतिशत ग्रामीण आबादी को नल से जल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत हाल ही में विभिन्न जिले के गाँवों में जल प्रदाय के लिए 54 करोड़ से अधिक की जल संरचनाओं का कार्य प्रारंभ किया गया है। सतना जिले के नागोद विकासखण्ड में 12 करोड़ 29 लाख 58 हजार रूपये की लागत से 3 जलप्रदाय योजनाओं और सुहावल विकासखण्ड में 6 करोड़ 76 लाख 8 हजार रूपये की लागत से 2 जल प्रदाय योजनाओं का कार्य प्रारंभ हो रहा है। इन पाँच जल प्रदाय योजनाओं से 20 गाँवों को नल से जल प्रदाय किया जा सकेगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी और बालाघाट में भी 35 करोड़ 6 लाख 65 हजार रूपये लागत की जलप्रदाय योजनाओं में सिवनी जिले के दो, कटनी के 26, जबलपुर के 16 और नरसिंहपुर जिले के 35 गाँव शामिल हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत बालाघाट जिले के लालबर्रा विकासखण्ड के स्कूल एवं आंगनवाड़ी भवनों में भी नल से जल उपलब्ध करवाने के लिए करीब 4 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किये जा रहे हैं।