फोर्टिफाइड चावल वितरण की पायलट योजना संचालन को मंजूरी

फोर्टिफाइड चावल वितरण की पायलट योजना संचालन को मंजूरी

आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति, 2014 का विस्तार केन्द्र सरकार के विभागों और उपक्रमों तक

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने एनीमिया एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिये भारत सरकार की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत फोर्टीफाईड चावल वितरण (fortified rice delivery) की पायलट योजना (pilot scheme) जिला सिंगरौली में संचालित करने का निर्णय लिया। इसके अंतर्गत चावल को आयरन, फोलिक एसिड एवं विटामिन बी-12 से फोर्टिफिकेशन करके एनीमिया एवं कुपोषण जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का निदान करने का प्रयास किया जायेगा। यह योजना 2022-23 तक संचालित रहेगी। योजना अंतर्गत हितग्राहियों को दिए जाने वाले चावल में फोर्टिफाईड करनेल मिलाकर वितरित किया जाएगा। हितग्राहियों को चावल का प्रदाय एक रूपए प्रति किलो की दर से किया जाएगा।

आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति, 2014
मंत्रि-परिषद ने आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति, 2014 को राज्य शासन के विभागों एवं उपक्रमों के साथ-साथ केन्द्र सरकार के विभागों तथा उपक्रमों के मामले में भी लागू करने का निर्णय लिया। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण/रेलवे की परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन से प्रदेश के विकास को गति मिल सकेगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों/उपक्रमों को उनकी अधोसंरचना, निर्माण कार्यों एवं विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समय-समय पर निजी भूमि की आवश्यकता पड़ने पर, भू-अर्जन की प्रक्रिया में लगने वाले अतिरिक्त समय और लागत को बचाने की दृष्टि से, प्रतिफल का भुगतान करके भू-धारकों की आपसी सहमति से भूमि प्राप्त की जा सके तथा शासकीय परियोजनाओं को निर्धारित समयावधि में क्रियान्वित किया जा सके, इसके लिए राज्य शासन द्वारा सार्वजनिक हित की परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ”आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति” 14 नवम्बर 2014 से लागू है।

उपरोक्त नीति, वर्तमान में, केन्द्र सरकार के विभागों/उपक्रमों के मामले में लागू नहीं है। केन्द्र सरकार के कई विभागों/उपक्रमों द्वारा इस नीति में उन्हें भी शामिल करने की मांग की जाती है, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं रेलवे मुख्य है।

छिंदवाड़ा में नये जेल कॉम्पलेक्स के लिए 127 करोड़ रूपये की मंजूरी
मंत्रि-परिषद ने छिन्दवाड़ा में नवीन जेल कॉम्प्लेक्स के निर्माण की लागत में कमी कर प्रथम चरण में 815 बंदी क्षमता की जिला जेल, 20 बंदी क्षमता की खुली जेल, विभिन्न श्रेणी के 49 आवास, विद्युत, पेयजल की सुविधाएँ सहित संशोधित लागत 127 करोड़ 8 लाख रूपये की स्वीकृति दी।

वन भवन के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने वन भवन के निर्माण के लिए 158 करोड़ 70 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।

रेत नियम में संशोधन
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश रेत (खनन,परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 21 में संशोधन का अनुमोदन दिया। अब मध्यप्रदेश रेत नियम 2018 के तहत ग्राम पंचायत/ नगरीय निकाय/ जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा राशि राज्य की संचित निधि में जमा कराई जायेगी। जमा राशि का उपयोग मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के नियम 13 में वर्णित प्रावधानों के तहत विकास कार्यों में किया जा सकेगा। इसी प्रकार मध्यप्रदेश रेत नियम 2018 का औचित्य समाप्त हो जाने के बाद इसे निरसित करने का निर्णय भी लिया गया।

किसानों को चार प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान
मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2020-21 में खरीफ एवं रबी सीजन में वितरित अल्पकालीन फसल ऋण की ड्यू डेट बढ़ाकर 30 जून, 2021 करने के संबंध में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा समन्वय में दिये गये आदेशों एवं विभाग द्वारा ड्यू डेट वृद्वि के संबंध में की गयी कार्यवाही का अनुमोदन किया।

ड्यू डेट वृद्वि की अवधि का अतिरिक्त ब्याज का भार राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। यह वर्ष 2021-21 के लिए मंत्रि-परिषद आदेश 9 मार्च 2021 द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज पर योजनान्तर्गत अनुमोदित बेसरेट 10 प्रतिशत के अंतर्गत सभी किसानों के लिए एक प्रतिशत (सामान्य) ब्याज अनुदान तथा ड्यू डेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत (अतिरिक्त) ब्याज अनुदान प्रोत्साहन स्वरूप राज्य शासन द्वारा दिये जाने के निर्णय अनुसार लागू होगा।

मध्यप्रदेश उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम
भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के स्थान पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 लागू किया गया है। अधिनियम के प्रावधान अनुसार राज्य सरकार द्वारा ‘मध्यप्रदेश उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का वेतन भत्ते एवं सेवा की शर्तें) नियम 2021” जारी किया जाएगा। इसके तहत पूर्व में राज्य आयोग एवं जिला आयोग के सदस्यों को मानदेय दिया जाता था, उसके स्थान पर अब जिला उपभोक्ता आयोग और राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्यों को वेतन देने का प्रावधान किया गया है।

मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश
मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 का प्रारूप मंत्रि-परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विधेयक में कॉलोनाईजर के रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया, कॉलोनी विकास की अनुमति की प्रक्रिया को सुस्पष्ट एवं सरल करने के लिए संशोधन प्रस्तावित किये गये हैं, जिससे प्राधिकृत कॉलोनियों के विकास को प्रोत्साहित किया जा सके। कॉलोनी विकास की अनुमति के उल्लघंन के विरूद्व सख्त कार्रवाई के प्रावधान किया जाना प्रस्तावित किया गया है। इसके अतिरिक्त अप्राधिकृत कॉलोनियों के विकास के अपराध पर शास्ति प्रदान करने संबंधी कड़े प्रावधान भी संशोधन विधेयक में किये गये हैं, जिससे अप्राधिकृत कॉलोनी विकास पर अंकुश लगाया जाना संभव हो सकेगा। अप्राधिकृत कॉलानियों को चिन्हित करने के बाद उनमें नागरिक अधोसंरचना का समुचित विकास सुनिश्चित हो सके तथा अप्राधिकृत कॉलोनियों के अभिन्यास के नियमितिकरण एवं इनमें भवन अनुज्ञा प्रदान की जा सके। ऐसे प्रावधान संशोधन अध्यादेश में किये गये हैं। इसके अतिरिक्त अप्राधिकृत निर्माण के अपराध को शमन करने के लिए एफ.ए.आर. के 10 प्रतिशत की वर्तमान सीमा को बढ़ाया जाकर 20 प्रतिशत किये जाने के प्रावधान भी किये गये हैं। मंत्रि-परिषद ने उक्त मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश, 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया।

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