विश्वकर्मा जयंती पर शिल्पियों के घर पहुंचकर सम्मान किया

विश्वकर्मा जयंती पर शिल्पियों के घर पहुंचकर सम्मान किया

इटारसी। विद्याभारती(Vidhya Bharti)अंतर्गत सरस्वती शिक्षा समिति(Saraswati Education Committee) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर(Saraswati Shishu Vidya Mandir) पुरानी इटारसी में विश्वकर्मा जयंती(Vishwakarma Jayanti) मनाई गई। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विभिन्न विधाओं जैसे काष्ठ शिल्प, लौहशिल्प, सिलाई, भवन निर्माण शिल्पियों का सुरक्षा के समस्त नियमों का पालन करते हुए सम्मान किया गया। इस अवसर पर सरस्वती शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष अभिषेक तिवारी(Vice President Abhishek Tiwari) ने कहा कि आत्मनिर्भर और स्वावलंबी ग्रामीण व्यवस्था में आप सभी का महत्वपूर्ण योगदान प्राचीन काल से ही रहा है। परस्पर निर्भरता से ही एक सशक्त भारत का निर्माण संभव होगा अतः आपके कार्य को हर हाल में सम्मान मिलना ही चाहिए। आज का युग आत्मनिर्भरता का युग है और शिल्पकारी से स्वरोजगार को बढ़ावा मिलता है। सरस्वती विद्या मंदिर मालवीय गंज के प्राचार्य मुकेश कुमार शुक्ला ने कहा नवीन शिक्षा नीति 2020 में बच्चों को कक्षा 6 से ही अपने पसंद के विषय को चुनने का अधिकार है ऐसी स्थिति में आप सभी समाज के तत्वों की उपयोगिता और अधिक बढ़ जाती हैं चाहे लोहे, मिट्टी, लकड़ी तथा विभिन्न प्रकार के व्यवसायों को अपनाने वाले लोग अब छात्रों के लिए प्रशिक्षक और मार्गदर्शक बनेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नंदलाल ठेकेदार ने की। इस अवसर पर नंदकिशोर जनोरिया, गजराज सिंह राजपूत, राजेश चौरे, राकेश मालवीय, नंदलाल मालवीय, सुमन मालवीय का श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। आभार प्राचार्य नर्मदा प्रसाद मालवीय ने किया।

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