जब तक पत्रकारिता है, लोकतंत्र को खतरा नहीं : शर्मा

जब तक पत्रकारिता है, लोकतंत्र को खतरा नहीं : शर्मा

– पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा ने किया स्मारिका का विमोचन
इटारसी। जब तक पत्रकारिता है, लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं हो सकता। बदलते जमाने के साथ पत्रकारिता में भी काफी बदलाव आये हैं, व्यावसायिकता का समय है और अब पत्रकारों को कलम की धार भी पैनी रखना है और अपने संस्थान की अर्थव्यवस्था का भी ख्याल रखना होता है। ऐसे समय में पत्रकारिता करना काफी कठिन हो गया है। लेकिन, जो सही मायनों में कलम के सिपाही होते हैं, वे ऐसे समय में भी अपनी कलम की धार को पैनी ही रखते हैं।
यह उद्गार पूर्व विधायक पं.गिरिजाशंकर शर्मा ने आज यहां होटल फूडलैंड में संभागीय पत्रकार कल्याण समिति की वरिष्ठ पत्रकार, राष्ट्रकवि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी पर आधारित स्मारिका के विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सुधांधु मिश्र ने और आभार प्रदर्शन राकेश पटेल ने किया। कार्यक्रम में मौजूद पत्रकारों ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक खिलावन चंद्राकर, वरिष्ठ पत्रकार जम्मू सिंह उप्पल, कन्हैया गोस्वामी, संजय शर्मा, चंद्रकांत अग्रवाल, संजय शिल्पी, सुधांशु मिश्र, राजेन्द्र परसाई सहित जिले के अनेक पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
वरिष्ठ पत्रकार जम्मू सिंह उप्पल ने कहा कि आज सच लिखना नेताओं को खलता है। अखबार में लिखना बड़ा कठिन हो गया है। लेकिन जो लोग तमाम कठिनाईयों के बावजूद लेखनी की धार कमजोर नहीं होने देते हैं, वे सही मायनों में पत्रकारिता के साथ और समाज के साथ न्याय करते हैं। उन्होंने कहा कि नेताओं के खिलाफ लिखने से कई बार उनको बुरा लगता है, विज्ञापन बंद कर दिये जाते हैं और उनको तमाम तरह से प्रताडि़त किया जाने लगता है। श्री चंद्राकर ने अपने पत्रकारिता जीवन और इटारसी से उनके संबंधों तथा संगठन के विषय के साथ ही स्मारिका के विषय में जानकारी प्रदान की। इस मौके पर पत्रकार खिलावन चंद्राकर के जन्मदिन पर केक काटा गया और सभी ने उनको माला पहनाकर बधाई दी।

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AUTHORRohit

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