इटारसी। ग्राम पंचायत मेहरागांव में पदस्थ सहायक सचिव की कार्यप्रणाली के विरोध में पंच और कुछ हितग्राहियों को धरना देना पड़ा है। सहायक सचिव के कारनामों के कारण आज पंच व संबल योजना के हितग्राही को धरने पर बैठना पड़ा।
पंचायत के निवासी संतोष तोनिया की मृत्यु 8 जनवरी 2023 को भोपाल में हुई थी। 20 दिन बाद उनके पुत्र ईश्वर तोनिया ने भोपाल से मृत्यु प्रमाण पत्र लाकर पंचायत में संबल योजना से संबंधित सभी दस्तावेज व फार्म अपनी माता के साथ मिलकर सहायक सचिव को जमा करा दिए थे और इसकी सूचना पंच फारुख को भी दे दी थी।
लगभग 1 सप्ताह बाद पंच ने जब सहायक सचिव से पूछा कि फार्म जमा कर दिया है क्या? तो सहायक सचिव ने कहा कि हां, फार्म जनपद पंचायत नर्मदापुरम में जमा कर दिया है, फिर इसके कुछ दिन बाद सहायक सचिव ने सरपंच व मुख्य सचिव के सामने कहा कि संतोष तोनिया का फार्म जनपद से वापस आ गया है, क्योंकि उस पर पटवारी के हस्ताक्षर नहीं थे, फिर जब पंच फारूख ने कहा कि पटवारी के हस्ताक्षर के बिना जनपद में फार्म कैसे जमा हो गया तो वह कुछ नहीं बोले। फिर 15 मार्च के दिन उन्होंने यह कहा कि फार्म पर हितग्राही के हस्ताक्षर नहीं हैं, इसलिए उन्हें पंचायत भेज दिया जाए ताकि उनके हस्ताक्षर करा लिये जाएं।
जब स्वर्गीय संतोष तोनिया की धर्मपत्नी और बेटा पंचायत पहुंचे तो मुख्य सचिव ने उन्हें कोरा फार्म हाथ में दे दिया और कहा कि इसे भरकर लाओ। जब यह सारी बात हितग्राहियों ने पंच को बताई तो पंच आज ग्राम पंचायत मेहरागांव में हितग्राहियों के बच्चों के साथ धरने पर बैठ गए और सचिव से कहा कि जब फार्म कोरा था, हितग्राही के हस्ताक्षर नहीं थे, तो सहायक सचिव ने झूठ क्यों बोला कि वह जनपद में जमा हो गया है। 2 महीने बीतने के बाद भी फार्म पंचायत में ही घूमता रहा, इसका जिम्मेदार कौन है?
जब तक कि फार्म को पूरा चेक नहीं कर लिया जाएगा, हम यहां से नहीं उठेंग।े तब मुख्य सचिव योगेश गौर ने फार्म को चेक किया और कहा कि सोमवार को वह स्वयं पटवारी के हस्ताक्षर कराकर जनपद में जमा कर देंगे, इसके बाद पंच फारुख और हितग्राही के बच्चे धरने पर से उठ गए।