द्वापर युग की भांति महासंयोग में होगी कृष्ण जन्माष्टमी, जाने पूजा मुहूर्त
Krishna Janmashtami will be held in great coincidence, know the auspicious time of worship

द्वापर युग की भांति महासंयोग में होगी कृष्ण जन्माष्टमी, जाने पूजा मुहूर्त

– आचार्य पंडित विकास शर्मा :
इस वर्ष द्वापर युग कि भांति महासंयोग कृष्ण जन्माष्टमी ( Krishna Janmashtami) पर होंगे जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग, लक्ष्मी नारायण योग, मंगलादित्य योग ऐसे कई महासंयोग के साथ जन्माष्टमी बड़ी ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाएगी। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस को कृष्ण भक्त कृष्ण जन्माष्टमी के रूप मनाते हैं। इस बार 30 अगस्त, सोमवार को पूरे देश में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का त्योहार मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। जन्माष्टमी पर घरों और मंदिरों में विशेष रूप से सजावट की जाती है। सभी प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर और धाम में विशेष तरह के आयोजन होते हैं। कृष्ण भक्त इस दिन उपवास रखकर कान्हा की भक्ति में डूबे रहते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लगभग हर बार कृष्ण और शैव मतावलंवियों के बीच में संशय रहता है। तिथि को लेकर आपस में मतभेद होने के कारण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाती है। लेकिन साल 2021 में इस बार सभी जगह एक ही दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार भगवान कृष्ण के जन्म के समय विशेष ज्योतिषी संयोग बना था, ऐसा संयोग इस बार भी बना रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष की आधी रात्रि अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा के वृषभ राशि में गोचर रहने का संयोग बना था। कुछ इसी तरह का संयोग इस बार भी जन्माष्टमी तिथि पर हो रहा है।
ज्योतिष के जानकारों का मनाना है कि इस बार यानी 30 अगस्त को पड़ने वाली जन्माष्टमी का संयोग वैसा ही रहेगा जैसा द्वापर युग में भगवान कृष्ण के जन्म लेने पर हुआ था। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि सोमवार को सुबह ही लग जाएगी जोकि रात के 2 बजे के बाद समाप्ति होगी। जयंती योग और रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा अष्टमी तिथि पर चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद रहेंगे। ऐसे में इस बार की जन्माष्टमी का त्योहार विशेष रहेगा।

जन्माष्टमी की तिथि
इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त,सोमवार के दिन मनाया जाएगा। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 29 अगस्त की रात 11 बजकर 25 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 30 अगस्त की रात 02 बजे तक रहेगी। ऐसे में पूरे देश में 30 अगस्त को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त
जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र 30 अगस्त की सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर रहेगा। ऐसे में जन्माष्टमी के पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 11 बजकर 59 मिनट से रात 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

जन्माष्टमी पूजन विधि
जन्माष्टमी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके व्रत का संकल्प लें। माता देवकी और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र पालने में स्थापित करें। पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा आदि देवताओं के नाम जपें। रात्रि में 12 बजे के बाद श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं। पंचामृत से अभिषेक कराकर भगवान को नए वस्त्र अर्पित करें एवं लड्डू गोपाल को झूला झुलाएं। पंचामृत में तुलसी डालकर माखन-मिश्री व धनिये की पंजीरी का भोग लगाएं तत्पश्चात आरती करके प्रसाद को भक्तजनों में वितरित करें।

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आचार्य पंडित विकास शर्मा (Acharya Pandit Vikas Sharma)

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