37 सालों से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर जिंदा है आजाद की जन-गण-मन बैंजो की धुन

37 सालों से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर जिंदा है आजाद की जन-गण-मन बैंजो की धुन

होशंगाबाद/ गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर बजती बैंड और बैंजो की धुन। हर किसी में देशभक्ति का जज्बा जगा देगी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही जज्बा बैंजों बजाने के दिल में भी रहता है। यह हैं प्रधान आरक्षक आजाद अली (constable Azad Ali)। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस ग्राउंड में होने वाले मुख्य समारोह की परेड़ में बैंजों की धुन पर जन-गण-मन बजाते हैं। पहले उनके पिता स्व. मोहम्मद अली पाइप बैंड बजाते थे। उनके रिटायर्ड होने के बाद अब यह काम आजाद ने संभाला है। आजाद बताते हैं कि वह 26 जनवरी, 15 अगस्त एवं विभाग के कार्यक्रम और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भी इसे बजाते हैं।

37 साल से बजा रहे बैंजो
आजाद अली 1984 से बैंजो बजा रहे हैं। उन्होंने बताया बचपन से यह पसंद था। उनके पिता स्व. मोहम्मद अली हरमोनियम बजाते थे और वह बैंड मास्टर थे। पिता के रिटायर्ड होने के बाद पुलिस की नौकरी ज्वाइन की। पिता ने पाइप बैंड बजाते थे, इन्होंने भी पाइप बैंड बजाया फिर 1989 के बाद बैंजो बजाना शुरू किया।

सुंदरकाण्ड में बनाई अलग पहचान
प्रधान आरक्षक ने बताया कि सुंदरकाण्ड के लिए उन्हे विशेष रूप से बुलाया जाता है। जहां वह अपने निजी इंस्टूमेंट से धुन बजाते हैं। अभी वह अपने छोटे बेटे अलताफ को बी यह सिखा रहे हैं। वह चाहते है कि उनके सेवानिवृत्त होने के बाद बेटा इसे बजाए। क्योंकि समय के बदलाव के साथ शायद यह धुन कहीं खत्म न हो जाए।

यह दे रहे साथ
बैंजो धुन के साथ आजाद के साथ उनके सहयोगी आरक्षक शोभाराम, आरक्षक महेश गोह बैंड बजाते है। इसके साथ ही नन्हे-नन्हे बच्चे प्रिंस चौकसे, रिहान वेग, रजीक, अनिकेत, अखलाख, ऋषि, तनुज भी सहयोग करते हैं।

 

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