रीना के बाद अब किरण से भी तलाक, फातिमा की एंट्री – 2

रीना के बाद अब किरण से भी तलाक, फातिमा की एंट्री – 2

विनोद कुशवाहा

आजकल जोर – शोर से प्रचलित शब्द ‘ लव जेहाद ‘ फिल्म इंड्रस्टी पर कुछ ज्यादा ही असर करता रहा है। सलीम खान, अरबाज खान, आमिर खान, शाहरुख खान, सैफ अली खान से लेकर फरहान अख्तर तक का एक ही मकसद रहा है। हिन्दू लड़कियों को फंसाकर उनसे निकाह करो और दो चार दस बच्चे पैदा कर के उन्हें तलाक दे दो। आठ दस साल शारीरिक – मानसिक शोषण होने के बाद वे किसी काम की तो रह नहीं जातीं। खैर। फिलहाल हम बात कर रहे हैं तथाकथित मि परफेक्शनिस्ट आमिर खान की। जो सही मायने में एक ही अदाकार रहा है। हमारे यूसुफ साहब। यानि दिलीप कुमार। खैर। दिलीप साहब की चर्चा फिर कभी। फिलहाल ‘ नर्मदांचल परिवार ‘ की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। आईये अभी तो चलते हैं आमिर खान की तरफ।

आमिर ने अपनी पहली हिंदू पत्नी रीना दत्ता को तलाक देते समय कथित रूप से ये आरोप लगाया था कि उन्होंने ‘ लगान ‘ फिल्म के निर्माण के दौरान पैसों की हेरा – फेरी की थी। जबकि रीना आमिर खान के साथ फिल्म की प्रोड्यूसर भी थीं। यही वो नाजुक समय था जब किरण राव आमिर की नजदीकी हासिल करने में कामयाब हो गईं। आमिर भी ऐसा ही तो चाहते थे। अन्ततः उन्होंने रीना को तलाक देकर किरण से निकाह कर लिया।

‘लगान’ की नायिका ग्रेसी सिंह से उनके प्रेम के किस्से भी यूं ही हवा में नहीं उड़े। अभी हाल ही में आमिर खान ने किसी फिल्म के लिए उनके नाम की सिफारिश की है ।

फिल्म ‘ पी के ‘ का जो पोस्टर रिलीज किया गया था उसमें आमिर ने अपने आप को निवस्त्र प्रस्तुत किया था  बाद में निर्देशक राजकुमार हीरानी से यह स्पष्टीकरण दिलाया गया कि ऐसा फिल्म को प्रमोट करने के लिये किया गया । किसी फिल्म के प्रचार का इससे घटिया हथकंडा और क्या हो सकता है।

निर्देशकों के काम में हस्तक्षेप करना आमिर की पुरानी आदत है । आमिर की इस आदत से उनके सभी निर्देशक परेशान रहते हैं ।

दूसरी ओर ऐसा भी हुआ है कि ‘ तारे ज़मीन पर ‘ फिल्म का निर्देशन अमोल गुप्ते ने किया था लेकिन निर्देशक में आगे अपना नाम जोड़कर निर्देशन का पूरा श्रेय आमिर खान ने ले लिया । इसकी तथा कथा फिर कभी ।

‘ दंगल ‘ फिल्म में फोगट बहनों का किरदार अदा करने के लिए आमिर ने मुस्लिम अदाकाराओं को ही तरजीह दी । इतना ही नहीं उन्होंने फोगट सिस्टर्स को फिल्म में मांसाहारी बताया है जबकि वे पूर्णतः शाकाहारी हैं ।

‘ जी न्यूज ‘ के पत्रकार सुधीर चौधरी तक को आमिर धमकी देने से नहीं चूके । ज्ञातव्य है कि तथाकथित देशभक्त आमिर को अपने देश में रहने में डर लगता है लेकिन पाकिस्तान के दोस्त तुर्की के राष्ट्र प्रमुख से मिलने में उन्होंने कोई संकोच नहीं किया । बस सुधीर चौधरी ने यही न्यूज कवर करने की गुस्ताखी की थी और आमिर उन पर उखड़ गए ।

ये वही आमिर खान है जो भारत विरोधी ताकतों को खुश करने के लिए हमेशा कहता रहा है कि – ” मैं पहले मुसलमान हूं “। मतलब आप खुद निकाल सकते हैं । इसका अर्थ तो यही हुआ न कि वे पहले मुसलमान हैं बाद में भारतीय हैं ।

आमिर की विकृत मानसिकता का एक उदाहरण और हमारे सामने है । उन्होंने एक कुत्ता पाला है जिसका नाम उन्होंने शाहरुख रखा है ।

ऐसी सोच और इस तरह की मानसिकता के व्यक्ति के बारे में एक बार फिर विचार करिये कि क्या आमिर खान उस सम्मान के लायक है जो हम और आप उसे दे रहे हैं। ठीक है किसी की निजी ज़िंदगी में झांकना ठीक नहीं मगर एक अदाकार की हैसियत से भी तो उन्होंने अब तक कोई ‘ माइल स्टोन ‘ फिल्म नहीं दी । देवदास ( दिलीप कुमार ) , देवानन्द ( गाइड ) , राजकपूर ( आवारा ) , गुरुदत्त ( प्यासा ) , धर्मेंद्र ( सत्यकाम ) , राजेश खन्ना ( आनंद ) , अमिताभ बच्चन ( दीवार ) , जितेन्द्र ( परिचय ) , नरगिस ( मदर इंडिया ) , मीना कुमारी ( पाकीजा ) , रेखा ( उमराव जान ) , श्रीदेवी ( सदमा ) को जरा याद कीजिये । आमिर इन सब के अभिनय के सामने कहीं नहीं ठहरते। ‘ तारे जमीन पर ‘ का क्रेडिट निर्देशक अमोल गुप्ते , बाल कलाकार मास्टर दर्शिल को जाता है तो ‘ लगान ‘ और ‘ पी के ‘ अकेले आमिर की फिल्म नहीं थी । उसका मिला – जुला श्रेय सबको दिया जाना चाहिए। चाहे वो ‘ लगान की टीम ‘ हो , अनुष्का शर्मा हों या फिर सुशांत सिंह राजपूत ही क्यों न हों। बस।

vinod kushwah

विनोद कुशवाहा (Vinod Kushwah)

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