
भारी विरोध के बाद एनएसयूआई जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर रोक
-प्रदेश प्रभारी ने आगामी आदेश तक सूची की होल्ड
-नर्मदापुरम में मयूर जयसवाल खेमे से मयंक चौरे को बनाया गया था जिला अध्यक्ष एनएसयूआई।
नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश एनएसयूआई में लंबे समय से जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी की नियुक्ति रुकी हुई थी। जैसे तैसे एक साल के लंबे समय के बाद कुछ दिन पूर्व जिला अध्यक्षों की घोषणा हुई थी, लेकिन वह भी विवादों में पड़ गई।
कई वर्षों से छात्र हितों में अपने-अपने जिला मुख्यालय में आंदोलन कर रहे छात्र नेताओं ने जिलाध्यक्ष लिए दावेदारी ठोकी थी लेकिन 40 % स्थानीय नेताओं विधायकों एवं प्रभारी के करीबी लोगों को इस सूची में मौका मिला। जिस पर से सक्रिय कार्यकर्ताओं का भारी आक्रोश संगठन के पास अन्य माध्यमों से पहुंचा।
छात्र नेताओं का कहना था कि लंबे समय से हमने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में पसीना बहाया है। लेकिन अगर अनुशंसा पर ही बनाया जाना था तो मेंबरशिप का क्या मतलब निकला। हमारा वक्त और पैसा दोनों चला गया।
बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष भी इस बात से नाराज थे। वह भी चाहते थे कि उनकी टीम में वही शामिल हो जो सत्ता के खिलाफ मजबूती के साथ खड़ा रहे और लंबे समय से संघर्ष करते आ रहा हो।
इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए जिला अध्यक्षों की सूची होल्ड कर दी गई है, आगामी आदेश तक।
इन नामों पर भी नहीं हुआ विचार
नर्मदापुरम में भी उन नामों पर विचार नहीं किया गया जिन्होंने जिला मुख्यालय पर अनेको आंदोलन व गिरफ्तारी दी है जिसमे राकेश रघुवंशी, गुलाम मुस्तुफा, बलवीर चौहान , अफरीद खान, सोहागपुर से अर्पित तिवारी, इटारसी से हिमांशु अग्रवाल आदि नाम शामिल है।