जब जिंदगी सार्थक नहीं तो मृत्यु कैसे सार्थक होगी- हेमलता शास्त्री

इटारसी। वृंदावन गार्डन में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ किया। कथा वाचिका हेमलता शास्त्री ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि दिव्य संदेश जो बटोरा जाता है वह विषाद होता है, और जो बांटा जाता है वह प्रसाद बन जाता है। ज्ञान, बैराग्य, भक्ति तीनों भागवत में ही मिलेंगे। समस्या ये है कि हम सुनाना जानते हैं सुनना नहीं जानते। आत्महत्या की खिलाफत करते हुए हेमलता शास्त्री ने कहा कि मरना बहुत आसान है बहुत मुश्किल है जीना। जब जिंदगी सार्थक नहीं तो मृत्यु कैसे सार्थक होगी। हमारी समस्या ये भी है कि जो नहीं है हम उसके लिए परेशान होते रहते हैं। जो है उसमें प्रसन्न रहो, संतुष्ट रहो, जीवन की यही सही परिभाषा है।