मानवीयता सिखाती है भागवत कथा : पांडे

मानवीयता सिखाती है भागवत कथा : पांडे

इटारसी। श्रीमद् भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) परमपिता परमेश्वर का वह शब्द रूप है जो मानवों को मानवीयता का ज्ञान प्रदान करता है। उक्त उद्गार नर्मदा अंचल के भागवत मर्मज्ञ पं. जगदीश पांडे ( Pt. Jagdish Pandey) ने ग्राम घाटली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सत्संग समारोह में व्यक्त किए।
ग्रामवासियों ने सार्वजनिक सहयोग से देवी मंदिर प्रांगण घाटली में आयोजित संगीत में श्रीमद् भागवत कथा समारोह के प्रथम दिन भव्य कलश यात्रा निकाली जो गांव का भ्रमण करते हुए आयोजन स्थल पहुंची। कलश यात्रा का जगह-जगह ग्रामवासियों ने स्वागत कर भागवत पूजन किया। प्रथम दिन व्यास गादी से कथा को विस्तार देते हुए प्रवचन कर्ता पं. जगदीश पांडे ने धुंधकारी एवं गोकर्ण प्रसन्न के माध्यम से श्रोताओं को बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण एक ऐसा धर्म ग्रंथ है, जो भगवान श्री हरि विष्णु का शब्द रूप कहलाता है जिसके शब्द रूपी आत्मज्ञान से हमें जीवन जीने की कला प्राप्त होती है एवं मृत्यु के पश्चात आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। इस प्रकार और भी अनेक प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन करते हुए श्री पांडे ने वर्तमान में श्रीमद् भागवत जी के महत्व से श्रोताओं को अवगत कराया। ग्राम घाटली में आयोजित यह भागवत कथा समारोह मानव के स्वस्थ जीवन की कामना एवं लोक कल्याण के लिए सार्वजनिक स्वरूप में आयोजित किया है। कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक है।

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AUTHORRohit

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