क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु, क्रोध आए तब करें चिंतन : रावतपुरा सरकार

क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु, क्रोध आए तब करें चिंतन : रावतपुरा सरकार

इटारसी। यह मानवीय स्वभाव है कि हमें गुस्सा आ जाता है, लेकिन वही मनुष्य श्रेष्ठ है जो अपने क्रोध पर नियंत्रण पा लेता है। क्रोध में मनुष्य को अच्छे और बुरे का पता भी नहीं चलता, जब भी हमें गुस्सा आए हमें तुरंत अपनी आंखें बंद कर चिंतन प्रारंभ कर देना चाहिए।यह संदेश अनंत विभूषित संत रविशंकर जी रावतपुरा सरकार (Sant Ravi Shankar Ji Rawatpura Sarkar) ने प्रात: प्रार्थना के बाद अपने शिष्यों को दिया। बुधवार को प्रार्थना सभागार में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रभु की वंदना की। अपने शिष्यों को संदेश में महाराज ने कहा कि क्रोध में स्वयं की बेहद क्षति होती है। क्रोध हमारे विवेक पर पर्दा डालता है, क्रोधित व्यक्ति उचित-अनुचित का भेद भूल जाता है, यह हमारे विनाश का कारक है। क्रोध विद्धान को अज्ञान बना देता है। जब हमें क्रोध आए तो मन में ऐसे व्यक्ति का चिंतन करना चाहिए, जिससे आप बेहद प्यार करते हैं। जब प्रचंड वेग से क्रोध आता है तो हमारे मन मस्तिष्क पर छा जाता है, आवेश में किए गए कार्य बाद में पछतावा देते हैं।

महायज्ञ में पहुंचे सरकार

बुधवार को संत रावतपुरा सरकार ने अपने शिष्यों के निवास पर पहुंचकर आशीर्वाद दिया। बूढ़ी माता मंदिर (Budhi Mata Mandir) में जारी शतचंडी महायज्ञ में भी रावतपुरा सरकार पहुंचे और यहां बूढ़ी माता की आरती कर हवन कुंड के दर्शन किए। मंदिर समिति के जगदीश मालवीय (Jagdish Malviya), दीपक अठौत्रा (Deepak Athotra) ने उन्हें मंदिर के इतिहास एवं यहां जारी विकास कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर पंकज चौरे (Pankaj Choure) मौजूद रहे। रावतपुरा सरकार ने बुधवार को विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma), पूर्व मंत्री विजय दुबे काकू भाई (Vijay Dubey Kakubhai) समेत अन्य शिष्यों के घर भी पहुंचे। विधायक डा. शर्मा के पूरे परिवार ने महाराज श्री का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा (Former Chief Secretary KS Sharma), विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा (Former MLA Girijashankar Sharma), पं. भवानीशंकर शर्मा (Pt. Bhawanishankar Sharma), पीयूष शर्मा (Piyush Sharma) ने महाराज का स्वागत किया। काकूभाई के यहां भी सैकड़ों श्रद्धालुओं ने महाराज का आशीर्वाद लिया।

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AUTHORRohit

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