हर वो चीज जो शीतलता दे वो शिव को प्रिय है
श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर लक्कडग़ंज में सावन मास में शिव का पूजन एवं अभिषेक
इटारसी। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर समिति द्वारा आयोजित पार्थिव शिवलिंग पूजन के चतुर्थ दिवस पर निशांत अग्रवाल,प्रियंका अग्रवाल एवं नैतिक अग्रवाल ने यजमान के रूप में पूजन अर्चन किया। मुख्य आचार्य अतुल कृष्ण मिश्र, सत्येंद्र पांडे, आचार्य पीयूष पांडे ने पूजन एवं रूद्राभिषेक कराया।
मुख्य आचार्य अतुल कृष्ण मिश्र ने पार्थिव शिवलिंग पूजन की महत्ता बताते हुए कहा कि सावन मास भगवान शिव को अतिप्रिय है, क्योंकि यह शीतलता प्रदान करता है। हर वो चीज जो शीतलता दे वह भगवान शिव को प्रिय है।
उन्होंने कहा कि भागवत महापुराण में समुद्र मंथन की कथा आती है। देवता और दानवों ने मिलकर जब समुद्र को मथा तो सबसे पहले हलाहल विष निकला। विष इतना विनाशक था कि सारी सृष्टि में हाहाकार मच गया। भगवान विष्णु ने देवताओं को सलाह दी कि वह जाकर भोलेनाथ को मनाएं वो ही इस विष को पी सकते हैं। देवताओं के अनुरोध को भगवान शिव ने स्वीकार किया और वह विष शिव ने पी लिया लेकिन उस विष को शिव ने अपने गले में रोककर रखा। इस कारण भगवान शिव का पूरा कंठ नीला पड़ गया। तब से शिव का एक नाम और नीलकंठ पड़ा। हलाहल से उत्पन्न हो रही अग्नि इतनी तेज थी कि शिव के शरीर पर इसका असर होने लगा। भगवान को ठंडक मिले इसके लिए उन पर जल चढ़ाया। भगवान शिव प्रसन्न हो गए जब से भगवान शिव पर जल चढऩे की परंपरा चालू हो गई इसी कारण भगवान शिव को सावन मास अत्यधिक प्रिय है।